India News Haryana (इंडिया न्यूज), Bangladesh Goverment: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार का सिलसिला अब भी जारी है। ऐसे में अंतरिम सरकार भी अपने असली रंग दिखाती जा रही है। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में सत्ता संभाल रही अंतरिम सरकार लगातार कट्टरपंथ की तरफ बढ़ती जा रही है। अब बांग्लादेश में आई अंतरिम सरकार का झुकाव पकिस्तान की विचारधारा की तरफ बढ़ता जा रहा है। ऐसा इसीलिए कहा जा रहा है क्यूंकि हाल ही में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कुछ ऐसे संदश दिए हैं जिससे साफ जाहिर होता है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार बढ़ता जा रहा है।
हाल ही में बांग्लादेश सरकार ने एक ऐसा सन्देश दिया जो हैरान कर देने वाला है। दरअसल, बांग्लादेश सरकार ने कहा है कि देश में सेकुलरिज्म की ही कोई जरूरत नहीं है। आपको बता दें ये बात बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां की जुबान से निकली है। दरअसल, यह बात हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान असदुज्जमां ने कही है। उन्होंने हाई कोर्ट में देश के संविधान में 15वें संशोधन के खिलाफ दायर अर्जी पर सुनवाई के दौरान ऐसा कहा।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें, बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल ने अदालत में कहा कि यहां तो 90 फीसदी आबादी मुसलमानों की है। फिर सेकुलरिज्म जैसी चीज की यहां क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति संविधान के अनुच्छेद VIII में सेकुलरिज्म को रखना ठीक नहीं है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पहले तो अल्लाह पर भरोसा रखने की बात कही जाती थी। अटॉर्नी जनरल ने मोहम्मद यूनुस सरकार से अपील की है कि इस संविधान संशोधन को खत्म किया जाए और पहले वाले नियम ही लागू किए जाएं।