इंडिया न्यूज ।
After all, What Can be The Harm to Children by Wearing Diapers for a Long Time : आखिर ज्यादा देर तक डायपर पहनने से बच्चों को क्या नुकसान हो सकते है इसके बारे में हम आपको बता रहे है । नुकसान से बचने के लिए सावधानी बहुत आवश्यक है,नहीं तो डायपर रैशेज होने लग जाते है । नवजात शिशु से लेकर तीन-चार साल के छोटे बच्चों को अक्सर मांएं डायपर पहनाकर रखती हैं, ताकि पॉटी, पेशाब से बिस्तर ना खराब हो. कई बार बाहर घूमने जाने, शॉपिंग करने या किसी के घर जाने में भी बच्चों को डायपर पहनाना जरूरी हो जाता है, लेकिन कुछ पेरेंट्स ऐसे भी होते हैं, जो सारा दिन ही बच्चों को डायपर में रखते हैं ।
खासकर, गर्मी के मौसम में लगातार डायपर पहनाए रहने से शिशुओं को रैशेज, खुजली, त्चवा पर लाल चकत्ते आदि की समस्या हो जाती है । छोटे बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक और संवेदनशील होती है, ऐसे में सारा दिन डायपर में रहने से उस भाग (बेबी बॉटम) में इंफेक्शन, रैशज आदि हो जाते हैं ।
हालांकि, डायपर रैशेज बहुत कॉमन समस्या है, लेकिन इससे बचा जा सकता है । यदि आप नियमित रूप से डायपर बदलें । कई बार घंटों एक ही डायपर पहनाए रखने, डायरिया, डायपर को कवर करने के लिए सैटिन, सिल्क जैसे फैब्रिक या फिर प्लास्टिक पैंट्स पहनाने से स्किन में इर्रिटेशन, फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का कारण बन सकता है ।
मल और पेशाब के कारण इर्रिटेशन, खुजली होना
डायपर को बार-बार खींचना या रगड़ना
बैक्टीरियल या यीस्ट इंफेक्शन
संवेदनशील त्वचा
डायपर के कारण एलर्जिक रिएक्शन
बच्चों को नए-नए फूड का सेवन कराना
मेडइंडिया डॉट नेट में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे का डायपर अक्सर गीला या गंदा होने के तुरंत बाद बदलें और सुनिश्चित करें कि डायपर रैश से बचने के लिए बच्चे की त्वचा हमेशा साफ और सूखी रहे ।
डायपर रैश से बचाने के लिए शिशु के बॉटम को गुनगुने पानी से साफ करें । इसके लिए मुलायम कपड़े का इस्तेमाल करें. रैशेज होने पर बहुत अधिक त्वचा को रगडें नहीं वरना जलन बढ़ सकती है । माइल्ड बेबी सोप से भी बॉटम की साफ-सफाई कर सकते हैं ।
जब त्वचा को साफ कर लें, तो वहां बेबी पाउडर लगाएं और डायपर तुरंत ना पहनाएं. त्वचा को सूखने दें, उसे खुलकर सांस लेने दें. इससे स्किन इर्रिटेशन से बचाव होगा ।
यदि रैशेज अभी ताजा है, तो बच्चे के नहाने वाले टब में 2 बड़े चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं. इस पानी से 10 मिनट के लिए दिन में तीन बार हल्के से धोने की कोशिश करें ।
क्रैनबेरी जूस बैक्टीरिया को मूत्राशय से चिपकने से रोकता है । पेशाब को कम कन्संट्रेडेट होने में मदद करता है । यदि आपका बच्चा 12 महीने से अधिक का है, तो आप उसे क्रैनबेरी जूस पिला सकते हैं ।
अगर आप कपड़े का डायपर बच्चे को पहनाते हैं, तो थोड़े से पानी में आधा कप व्हाइट सिरका मिलाएं और इस पानी में ही डायपर साफ करें ।
त्वचा की जलन को रोकने के लिए जब भी डायपर बदलें, तो शिशु की त्वचा पर पेट्रोलियम जेली लगाएं ।
डायपर बदलने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करें, ताकि बच्चे के शरीर के अन्य हिस्सों में बैक्टीरिया या यीस्ट को फैलने से रोका जा सके ।
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