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Room Heater Side Effects : सावधान..कहीं जान पर भारी न पड़ जाए रूम हीटर-ब्लोअर का अधिक इस्तेमाल

BY: • LAST UPDATED : January 3, 2025

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  • विशेषज्ञों ने दी हीटर, ब्लोअर व अंगीठी का कम इस्तेमाल करने की सलाह

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Room Heater Side Effects : कड़ाके की ठंड से बचने के लिए हम हीटर व ब्लोअर का अधिक इस्तेमाल करते हैं। लोग कई-कई घंटे इनका इस्तेमाल करते हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक है। यह स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है। विशेषज्ञों के अनुसार शरीर को गर्म रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग कम करना चाहिए।

उनके मुताबिक अप्राकृतिक तरीके से उत्पन्न की गई गर्मी हृदय के साथ-साथ फेफड़ों व त्वचा के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकती है। लोगों में त्वचा व सांस संबंधी परेशानियां बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक गर्मी प्रदान करने वाले कुछ उपकरणों से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है जो मानव शरीर के लिए हानिकारक ही नहीं जानलेवा भी है।

Room Heater Side Effects : हीटर करता है ऑक्सीजन लेवल कम

हीटर व ब्लोअर का लगातार काफी समय तक इस्तेमाल ऑक्सीजन लेवल को कम करता है। ऐसे में जी घबराना, सुस्ती, सिरदर्द जैसी अन्य समस्याओं के अलावा सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है। क्योंकि इससे कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल बढ़ने से घुटन महसूस हो सकती है। ज्यादा देर तक हीटर का इस्तेमाल करने से सांस के रोगियों में खांसी व छींक की शिकायतें हो जाती हैं।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

घर में जब भी हीटर का इस्तेमाल करें तो कमरे में किसी बर्तन में पानी भरकर रख दें। क्योंकि पानी से वाष्पीकरण होता रहेगा और नमी का स्तर बरकरार रहेगा। हीटर को एक सही तापमान पर सेट कर दें, जिससे कमरा अधिक गर्म न हो। जब हीटर चलाएं तो कमरे का दरवाजा या खिडक़ी खोलकर रखें। इससे साफ हवा क्रॉस होगी और ऑक्सीजन का लेवल ठीक रहेगा। अगर आप कमरे के सभी दरवाजे खिड़कियां बंद कर अंगीठी जलाते हैं तो आपके लिए जानलेवा साचित हो सकता है। क्योंकि अंगीठी से कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनती है। वे गैस हीमोग्लोबिन के साथ बड़ी आसानी के साथ चिपक जाती है। जिससे बेहोशी के बाद मौत हो जाती है।

हृदय रोगी अधिक ठंड में बाहर निकलने से बचें

पानीपत से (बापौली सीएचसी) डॉ. कोमल का कहना है कि अधिक हीटर के इस्तेमाल एवं अंगीठी से कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है जो फेफड़ों को प्रभावित करती है। जिसके बाद व्यक्ति नींद व बेहोशी की अवस्था में पहुंच जाता है। फिर धीरे-धीरे दिमाग का नियंत्रण खत्म हो जाता है, जिसकी वजह से मौत तक हो जाती है। मैं तो ये कहता हूं कि इन चीजों से बचें जिसमें खासकर अंगीठी से। आर्टिफिशियल हीटिंग एक लिमिट तक ही सही है। कंबल, रजाई व गर्म कपड़ों का इस्तेमाल अधिक करें। हृदय रोगी अधिक ठंड में बाहर निकलने से बचें।

हीटर व ब्लोअर का अधिक इस्तेमाल भी कई तरह के रोगों को देता है बढ़ावा

होम्योपैथिक मेडिकल अधिकारी डॉ. सुदेश पाल का कहना है कि सर्दी में लोग हीटर, ब्लोअर व अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं। अंगीठी से मोनोऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है। अगर कमरा बंद हो तो ये सीधे तौर पर जानलेवा है। हीटर व ब्लोअर का अधिक इस्तेमाल भी कई तरह के रोगों को बढ़ावा देता है। सांस के रोगियों के लिए यह नुकसानदायक है। इसके साथ-साथ त्वचा व फेफड़ों संबंधी समस्याएं भी इससे होती है। हमें आर्टिफिशियल हीटिंग से बचने की आवश्यकता है। क्योंकि ये सबसे पहले हवा को ड्राई कर देती है और ड्राई हवा नाक से लेकर फेफड़ों तक को परेशान करती है।

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