इंडिया न्यूज़, अम्बाला
पहली बार मां बनने वाली महिला भी बच्चे के साथ साथ मां के रूप में जन्म लेती है। पहली बार बच्चे को जन्म देने वाली महिला को बेबी केयर(Baby Care) का कोई अनुभव नहीं होता। एक नवजात शिशु की देखभाल करना सावधानी भरा काम है। नवजात शिशु की देखभाल के लिए उसके खान-पान, पोषण और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होता है : –
शिशु रोग विशेषज्ञ मानते हैं कि दो महीने तक बच्चों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। नवजात बच्चों को 2 महीने तक विशेष तौर पर हमेशा नजर के सामने रखना चाहिये।
जी हां, अगर आपको लगता है कि बच्चे में कुछ अलग तरह के लक्षण हैं, तो देर किये बिना डॉक्टर के पास जाएं. बुखार, उल्टी, दस्त जैसे लक्षण अगर हैं तो बिना डॉक्टर के परामर्श के दवा न दें। बाल रोग विशेषज्ञ से बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जरूरी जानकारी और सावधानी भी जान लें।
इन सभी बेबी केयर टिप्स के साथ मां को अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।क्योंकि अगर मां हेल्दी नहीं रहेगी तो बच्चे का स्वास्थ्य भी खराब होता है।
मां की स्वच्छता ही बच्चे को हेल्दी बनाती है। नवजात बच्चे को अपनी गोद में लेने से पहले हाथों की सफाई के साथ अपने कपड़े भी साफ ही पहनें। अगर आप बाथ रूम या बाहर से आ रही हैं, तो अपने कपड़े जरूर बदलें।
यह भी सीखना होता है कि बच्चे को गोद में कैसे लिया जाए क्योंकि नवजात बच्चे को अगर ठीक से गोद में नहीं लेते हैं तो उसकी रीढ़ और गर्दन की हड्डियों में दबाव बन सकता है।
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जब बच्चा रोने लगता है तो लोग उसे गोद में लेकर हिलाने लगते हैं। छोटे बच्चों को गोद में लेकर हिलाने के बजाए धीरे-धीरे चलें और उसे हल्की थपकी के साथ सहलाएं. मां उसे कुछ गाने या लोरी भी सुना सकती है। इसे आप टिप्स फॉर बेबी केयर में सबसे ऊपर रख सकती हैं।
कुछ लोगों को आप भी देखते ही हैं कि बच्चे को हवा में फेंक कर कैच करते हैं। कुछ लोग घुटनों में रखकर पालने जैसा झुलाते हैं। ये दोनों ही तरीके नवजात शिशु के लिए ठीक नहीं हैं।
मां बनने के बाद आपको जो सबसे जरूरी चीज सीखनी है वो यह कि बच्चे को स्नेह ही नहीं आपके स्किन टच की भी जरूरत है। इसके लिए अपने बच्चे को अपने शरीर के स्किन का टच दें। यह एक तरह से कंगारू केयर भी है।
बच्चों से बात करनी चाहिए।
यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन बच्चे की मां को अपने शिशु से बात करनी चाहिए। नवजात के मस्तिष्क विकास के लिए यह जरूरी होता है। नवजात शिशु का ब्रेन विकास के क्रम में रहता है ऐसे में उसे ध्वनि और शब्दों की आवाज सक्रिय करती है।
नवजात बच्चे के अंडर गारमेंट्स और डायपर को बार-बार चेक करते रहें। हेल्दी बच्चा जल्दी-जल्दी पेशाब करता रहता है। ज्यादा समय तक गंदे डायपर के साथ रहने पर बच्चे में इंफेक्शन और एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है।
अगर आप स्तनपान नहीं कराती हैं, तो बेबी फीडिंग बोतल की सफाई पर विशेष ध्यान दें। नियमित तौर पर फीडिंग बोतल को स्टरलाइज़ करें। दूध पिलाने से पहले बोतल को अच्छी तरह से धो लें. निप्पल की सफाई ठीक तरह से करें। यह बच्चे को बीमार कर सकता है।
वैसे तो जब तक बच्चे की गर्भनाल (umbilical cord) रहती है तब तक बच्चे को नहीं नहलाना चाहिए। जब गर्भनाल गिर जाए तब स्पंज स्नान से शुरुआत करनी चाहिए। बच्चे को नहलाते समय हमेशा सावधानी और सफाई का ध्यान रखें। शिशु को नहलाना क्यों है जरूरी और नहलाने का सही तरीका ।
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बच्चे के जन्म के बाद कुछ दिनों तक गर्भनाल की देखभाल (Umbilical Cord Care) बहुत जरूरी होती है।
लगभग 10 दिनों तक गर्भनाल बच्चे के साथ जुड़ी रहती है। इन दस दिनों में गर्भनाल की ठीक से सफाई जरूर करे।
जी हां, छोटे बच्चे को बर्प कराने की जिम्मेदारी भी मां की होती है। फीडिंग के बाद बच्चे को अपने सीने से लगाकर हल्की थपकी दें। ऐसा करने से बच्चा जरूरी बर्प कर लेता है। बर्प को हवा पास करना कहते हैं। कुछ लोग इसे पादना भी कहते हैं।
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शिशु को अच्छी नींद आये इसके लिए सुलाने के बेबी केयर टिप्स जरूर पता होना चाहिए। शिशु रोग विशेषज्ञ मानते हैं की SIDS या अचानक शिशु की मृत्यु का कारण बच्चे का सही से न सोना ही होता है। बच्चे का बिस्तर ठीक से साफ हो और बच्चे के लिए आराम दायक हो। बच्चा बेड में ठीक से घूम और करवट ले सके इसका भी विशेष ध्यान रखें। बेबी को सुलाना है जल्दी, तो अपनाएं ये टिप्स –
कुछ लोग खिलौने बच्चे के बहुत करीब रखते हैं. बेबी केयर एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सॉफ्ट खिलौने बच्चों की नींद में खलल डाल सकते हैं। हार्ड खिलौनों से जहां बच्चों को चोट लगने का डर रहता है, वहीं मुलायम खिलौनों से एलर्जी होने का डर रहता है।
बेबी केयर टिप्स में इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को सही कपड़े पहनाएं। बच्चों को रंगीन कपड़े पहनाने की जगह सफेद और कॉटन के कपड़े पहनाने चाहिए। नवजात शिशु के कपड़ों में बटन और पीन जैसी चीजे नहीं होनी चाहिए।
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