इंडिया न्यूज़, Facts About Water : पानी हम सबकी जरूरत है, इसके बिन जीने की कल्पना भी नहीं सकती। हमें प्राकृतिक ने पानी को कई स्त्रोतों के रूप में दिया है जैसे नदियों, झीलों, महासागरों, कुंओं, भूजल आदि, लेकिन इनमे मौजूद पानी पीने के योग्य नहीं होता। अमूमन पानी में कई तरह की अशुद्धियां और प्रदूषक तत्व जैसे कि कंकड़, कीचड, धूल-मिट्टी, उर्वरक, कीटनाशक और कुछ अन्य खतरनाक रासायनिक तत्व भी होते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसलिए पानी को शुद्ध करने के लिए आजकल आरओ तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
पानी यूनीवर्सटल सॉल्वेंट (सार्वभौमिक विलायक) होता है। यानि उसमें कई तरह की अशुद्धियां घुली-मिली होती हैं। पानी में खनिज, सेडीमेंट्स और यहां तक कि प्रदूषक भी घुले हो सकते हैं और इनसे ही उसका स्वाद, रंग और गंध तय होती है।
कई तरह के ऑर्गेनिक ठोस पदार्थ जैसे बाल, मिट्टी, कंकड़, उर्वरक, कीटनाशक, दवाएं और कई बार इन-ऑर्गेनिक लवण जैसे कैल्शियम, मैगनीशियम, सोडियम, पोटाशियम, क्लोराइड्स, लैड, आर्सनिक, मर्करी आदि।
पानी में घुले इन ठोस पदार्थों की जांच के लिए टीडीएस मीटर का इस्तेमाल किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पानी में टीडीएस का स्तर निम्नानुसार होना चाहिए-
टीडीएस का स्तर (मिलीग्राम प्रति लीटर रेटिंग
300 से कम उत्कृष्ट
300- 600 अच्छा
600-900 ठीक-ठाक
900-1200 खराब
Above 1200 अस्वीकार्य
पानी न सिर्फ शरीर के तापमान को संतुलित रखता है, बल्कि यह रीढ़ की हड्डी और अन्य संवेदनशील ऊतकों को भी सुरक्षित रखता है। लोग अक्सर डीहाइड्रेट होने का संबंध प्यासा महसूस होने से जोड़ते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि प्यास का संबंध डीहाइड्रेशन से नहीं होता। सर्दियों में, या ठंडे प्रदेशों में, और कई बार एसी कमरों में बैठे रहने पर भी आपको प्यास का अहसास नहीं होता, लेकिन आपने देखा होगा कि ऐसे में आपका पेशाब गाढ़े पीले रंग का आता है।
बेशक, स्वच्छ, प्राकृतिक पेय लेने से आप डिहाइड्रेशन से अपना बचाव कर पाते हैं, लेकिन यही खुद को हाइड्रेट रखने का एकमात्र तरीका नहीं है। आप नारियल पानी, लैमनेड (नींबू पानी), छाछ, ताजे फलों का जूस, ताजे फल जैसे कि तरबूज, अनानास, खरबूजा, खीरे आदि का सेवन कर भी खुद को हाइड्रेट कर सकते हैं।
हमारे शरीर को कितनी मात्रा में पानी की आवश्यकता है, यह उम्र, शारीरिक गतिविधि, मौसम, पेशाब की मात्रा और मेडिकल कंडिशन जैसे हार्ट या किडनी रोगों आदि पर भी निर्भर करता है। इनके कारण आपको पानी तथा अन्य तरल पदार्थों का सीमित मात्रा में सेवन करने की सलाह दी जा सकती है। इसके उलट, डायरिया में काफी मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है।
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