इंडिया न्यूज़, H3N2 : देश तेजी से फैल रहे इस नए वायरस ने एक बार फिर से सबको चिंता में डाल दिया है। देश के कई राज्यों में इसके मरीज मिल चुके हैं, ऐसे में इस वायरस से हमें बचने की जरूरत है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि छोटे बच्चे इस वायरस के सॉफ्ट टार्गेट हैं। इसलिए उन्हें बचाना और बिना डाॅक्टरी सलाह के दवा देने से बचना जरूरी है। आज हम आपको बताएंगे कि आप किन सावधानियों को अपनाकर अपने बच्चे का बचाव कर सकते हैं आइए जानते हैं:-
खांसी, जुखाम, बुखार की शुरूआत देते वाला इन्फ्लुएंजा वायरस का यह वैरियंट, रौद्र रूप धारण कर चुका है। जिस कारण मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती करने की ज़रूरत पड़ रही है। वहीं गंभीर समस्या पर आईसीयू में भर्ती किया जा रहा है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे शामिल हैं। जानकारी के लिए बता दे एच3एन2 के साथ एच1एन1 वायरस के मामले भी दिन प्रति दिन बढ़ने लगे हैं। इस दौरान सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। खासकर बच्चों को ध्यान देने की आवश्यकता है।
मौसम में बहुत उतार चढ़ाव के कारण बच्चों पर खास ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि एच3एन2 वायरस का प्रकोप बच्चों में ज्यादा देखा जा रहा है। बच्चों में तेज़ बुखार के साथ सांस लेने में दिक्कत, नाक बहने की समस्या देखी जा रही है। यह समस्या ज्यादातर पांच साल से कम आयु वाले बच्चों में हो रही है। यदि इस वायरस को नजर अंदाज किया तो शायद बच्चे को आईसीयू में भर्ती करने की ज़रूरत पड़ सकती है। इस वायरस से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करना उचित रहेगा।
बिना किसी से जांच कराए, परामर्श लिए दवा का सेवन न करें। दवा कोई भी हो जब तक डॉक्टर की सहमति न हो उसका सेवन न करें। नहीं तो समस्या बड़ी हो सकती है। हालांकि इन्फ्लुएंजा के मरीज ज्यादातर सामान्य दवाईयों से सही हो रहे हैं। लेकिन कुछ लोग खुद ही एंटीबॉयटिक दवाओं का सेवन करना शुरू कर रहे हैं। उन्हें यह जानना चाहिए कि एच3एन2 वायरस में एंटीबायोटिक दवाएं काम नहीं आती हैं। तो न ही खुद सेवन करें न बच्चों को सेवन कराएं। डॉक्टर की सलाह है कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर जो डॉक्टर दवाएं बताए उसका ही सेवन करें।
भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से पहले मुंह को मास्क से ढकें।
बुखार या बॉडी पेन होने पर आवश्यकतानुसार पैरासिटामोल लें, समस्या ज्यादा है तो डॉक्टर के सलाह के बगैर कुछ न करें।
बार-बार चेहरा और मुंह छूने से बचें, हांथों को सैनिटाइज करें या साबुन से धोएं।
बाहर का भोजन करने से बचें, घर का बना हुआ भोजन करें।
तला भुना कोई खाना न खाएं। पानी ज्यादा पिएं, फ्रेश रहें, किसी बात का तनाव न लें।
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