इंडिया न्यूज़, Home Remedies For Tuberculosis : टीबी को क्षय रोग भी कहा जाता है। ये बहुत ही खतरनाक बीमारी है, इससे ग्रस्त व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इस बीमारी के लक्षण की बात करें तो ये एक ऐसी बीमारी है जिसकी पहचान आसानी से नहीं हो पाती। दुनिया में छह-सात करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं और प्रत्येक वर्ष 25 से 30 लाख लोगों की इससे मौत हो जाती है। देश में हर तीन मिनट में दो मरीज क्षयरोग के कारण दम तोड़ देते हैं। हर दिन चालीस हजार लोगों को इसका संक्रमण हो जाता है।
इस बीमारी में हमारे फेफड़ों को नुकसान होता है। ये बीमारी फेफड़ों से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकती हैं किसी रोगी के खांसने, छींकने, बात करने या थूकने के समय बलगम व थूक की बहुत ही छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिनमें मौजूद बैक्टीरिया कई घंटों तक हवा में रहते हैं और दूसरे के शरीर में पहुंचकर रोग पैदा करते हैं।
आज हम आपको बताएंगे इससे बचने के कुछ घरेलू उपाय जिन्हे अपनाकर आप अपने आप को इस भयानक बीमारी से बचा सकते हैं आइए जानते हैं :-
(1). लहसुन (Garlic)
यह कीटाणुओं का नाश करती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। इसे कच्चा या पका कर खाना चाहिये। इसे खाने का एक तरीका है कि 10 लहुसन की कलियों को एक कप दूध में उबाल लें। फिर उबली हुई कलियों को चबा कर खा लें और ऊपर से दूध पी लें। ऐसा कुछ दिनों के लिये करें। पानी ना पियें नहीं तो यह असर नहीं करेगी।
(2). केला (Banana)
केले में अच्छी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जिससे टीबी के रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह कफ और बुखार को दूर भगाता है। रोगी को 1 गिलास कच्चे केले का जूरोजाना पीना चाहिये।
(3). काली मिर्च (Black pepper)
काली मिर्च फेफड़े की सफाई करती है और टीबी की वजह से होने वाले दर्द को दूर करती है। 10 काली मिर्च के दाने को घी के साथ फ्राई कर लें। फिर उसमें एक चुटकी हींग पावडर डाल कर मिक्स कर के ठंडा कर लें। मिश्रण को 3 भाग में बांटें और एक डोस को हर एक घंटे में चबाएं।
(4). आंवला (Amla)
यह शरीर को कई तरह के पोषण पहुंचा कर उसे मजबूती प्रदान करता है। इसका जूस निकाल कर उसमें एक चम्मच शहद मिला कर रोजाना खाली पेट पीन से यह बीमारी दूर होती है।
(5). संतरा (orange)
एक गिलास ताजे संतरे के रस में एक चुटकी नमक और एक चम्मच शहद मिक्स कर के पियें। इसे दिन में दो बार पियें।
(6). अखरोट (Walnut)
अखरोट प्रतिरोधक क्षमता देने में मदद करता है। जो टीबी से पीड़ित हैं उन्हें अख़रोट का सेवन ज़रूर करना चाहिए। अखरोट में मौजूद पोषण तपेदिक का इलाज बेहद अच्छे तरीके से करता है।
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