इंडिया न्यूज, Ambala : अक्सर बच्चे सही और गलत की पहचान नहीं कर पाते। ऐसे में वो झूठ बोलना शुरू कर देते है ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज बनता है कि उन्हें सही और गलत की पहचान करवाएं। पेरेंट्स ही बच्चों को सिखाते हैं कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत। इन सब के बावजूद भी बच्चे झूठ बोलना शुरू कर देते है। ज्यादातर बच्चे मजाक करना सीख जाते हैं और धीरे-धीरे झूठ बोलना सीख जाते हैं। और पेरेंट्स बच्चों की इस आदत को रोकने के लिए उन्हें डांटने लगते हैं। लेकिन यह तरीका सही नहीं है। बच्चे की झूठ बोलने की आदत को सुधारने के लिए आप इन तरीको को अपना सकते हैं।
बच्चे अपने पेरेंट्स से ही सब कुछ सीखते हैं। ऐसे में आप उनके रोल मॉडल होते हैं। बच्चों में झूठ बोलने की आदत न हो इसके लिए आपको भी इस बात को ध्यान रखना चाहिए कि आप उनके सामने झूठ न बोलें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप ही बच्चे के झूठ बोलने के जिम्मेदार हैं।
बच्चे जब झूठ बोलना शुरू कर देते हैं तो पेरेंट्स उन्हें सजा देते हैं। उन्हें समय दें कि वह अपनी गलती को अपनाएं। जब वो अपनी गलती न माने तो आप उन्हें समझाएं। जब बच्चे बिल्कुल न समझे तब आप उन्हें हल्की सी सज़ा दे सकते हैं, लेकिन उससे पहले उसे समय दें।
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जब आपका बच्चा आपको सच बताने का साहस करता है, तो सुनिश्चित करें कि उसे स्वीकार करें और उसे बिना जज किए उसकी बात सुनकर उसकी सराहना करते हैं। हालांकि इस बात को भी साथ में समझाएं की उसे ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए।
जब आपका बच्चा गलती कबूल कर लेता है, तो उनके साथ बैठकर उपाय निकालें। यह उन्हें विश्वास दिलाएगा कि वे न केवल आप पर विश्वास कर सकते हैं, बल्कि आप उन्हें इससे उबरने में भी मदद करेंगे।
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