इंडिया न्यूज ।
If acid goes from stomach to throat then do this remedy : हर किसी को एसिड की समस्या होती है,लेकिन कई बार रात को सोते समय एसिड गले तक पहुंच जाता है । जिसकी वजह से आपके पेट,लीवर व गले में जलन रहती है । आज हम आपको कुछ ऐसे तरीकें बताएंगे जिसकी वजह से गैस व एसिड आपके गले की तरफ न आ पाएगा । वैसे बैठे-बैठे काम करने और ज्यादातर प्रोसेस्ड फूड खाने के कारण आजकल लोगों में गैस और एसिडिटी की समस्या बनी रहती है। कई लोगों को रात में ये परेशानी सोने नहीं देती। पेट से जुड़ी इस बीमारी को अंग्रेजी में गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिसीज कहा जाता है।
इसमें इंसान को बदहजमी होती है। ये तब होता है जब एसिड पेट से निकलकर फूड पाइप में चला जाता है। आमतौर पर खट्टी डकार और सीने में जलन जीइआरडी के लक्षण होते हैं। इनके अलावा पेट फूलना, बेचैनी,उल्टी महसूस होना और सीने में दर्द जैसे लक्षण भी ॠएफऊ की ओर इशारा करते हैं। अधिकतर लोगों को एसिड रिफ्लक्स सोते समय होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि लेटने की पोजीशन में पेट से एसिड आसानी से बाहर निकल जाता है। आमतौर पर यह नींद के पहले 2-3 घंटों में होता है। ऐसे में अपने सोने के तरीके को बदलकर आप जीइआरडी से काफी हद तक राहत पा सकते हैं।
सिर को ऊंचा रखें
आप अतिरिक्त तकिया लगाकर अपना सिर ऊंचा कर सकते हैं। इससे सोते समय एसिड के पेट से निकलकर फूड पाइप में जाने की संभावना कम हो जाएगी। इस तरह आप जीइआरडी से टेंपरेरी छुटकारा पा सकते हैं।
बाईं ओर करवट लें
एसिडिटी से बचने के लिए बाईं ओर करवट लेकर सोएं। इससे पेट आपके फूड पाइप के नीचे रहेगा और एसिड रिफ्लक्स नहीं हो पाएगा। दाईं ओर करवट लेकर सोने से एसिड गले तक पहुंच जाता है।
पीठ के बल सोने से बचें
पीठ के बल सोने से एसिडिटी बढ़ जाती है। इस पोजीशन में एसिड पेट से गले तक पहुंच जाता है। तभी आपको खट्टी डकार और सीने में जलन या दर्द महसूस होता है। यदि आपका वजन ज्यादा है तो सोने की यह पोजीशन आपके पेट पर और ज्यादा दबाव डाल सकती है।
सोते समय एसिडिटी से बचना है तो खाने के तुरंत बाद कभी न लेटें।
इसके अलावा ज्यादा तला, मसालेदार खाना, शराब, धूम्रपान और कैफीन का सेवन करने से बचें।
रोजाना एक्सरसाइज करने और खाने के बाद टहलने से गैस और एसिडिटी की समस्या कम हो सकती है।
स्ट्रेस से भी एसिड रिफ्लक्स हो सकता है। इसे दूर करना है तो योगा-मेडिटेशन करें।
तकलीफ बने रहने पर जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
If acid goes from stomach to throat then do this remedy