Moringa Benefits and Side Effects: जानिये मोरिंगा (सहजन) के फायदे और नुकसान

इंडिया न्यूज, Moringa Benefits and Side Effects: मोरिंगा या सहजन जिसका वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलीफेरा है। आपने भी कभी न कभी इसकी सब्जी खाई होगी। स्वाद के साथ साथ इसमें पोषक तत्वों की मात्रा भी भरपूर पायी जाती है। मोरिंगा की खासियत यही है कि इसे पानी की कमी होने की स्थिति‍ में भी उगाया जा सकता है।

सहजन में बीटा कैरोटिन, एमिनो एसिड और कई प्रकार के फिनॉलिक पाए जाते हैं। मोरिंगा की छाल गोंद बनाने के लिए और इसके फूलों का प्रयोग हर्बल टॉनिक के रूप में किया जाता है। मोरिंगा के संपूर्ण वृक्ष का इस्तेमाल औषधीय उपयोग में किया जाता है।

सहजन मुख्य रुप से अफगानिस्तान, उप हिमालयी क्षेत्र, बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान में पाया जाता है। इसे दुनियाभर का सुपरफूड भी कहा जाता है।

मोरिंगा को सहजन के नाम से भी जाना जाता है और अंग्रेजी में इसे ड्रमस्टिक के नाम से जाना जाता है। मोरिंगा की पत्तियों, बीज और मोरिंगा के पेड़ के अर्क के कई फायदे हैं जिन्हें कई जरुरी काम के लिए उपयोग में लिया जाता है। मोरिंगा के फायदे सेहत से जुड़े हुए कई सारे हैं जैसे कि डायबिटीज में लाभदायक, जोड़ों के दर्द से राहत, सेहतमंद दिल आदि। मोरिंगा के फायदों के बारे में रिसर्च जारी है। इस आर्टिकल से आप मोरिंगा के फायदे और नुकसान से जुड़ी प्राप्त कर सकते हैं।

मोरिंगा के बारे में तथ्‍य

  • वानस्‍पतिक नाम: मोरिंगा ओलिफेरा
  • कुल: फेबेसी
  • सामान्‍य नाम: सहजन, सहिजन, ड्रमस्टिक प्‍लांट, हॉर्सरैडिश ट्री, बेन ऑयल ट्री
  • संस्‍कृत नाम: शोभांजन, दंशमूल, शिग्रु शोभांजन
  • उपयोगी भाग: जड़, छाल, बीज की फली, पत्तियां, पौधे का रस, फूल

मोरिंगा मूल रूप से दक्षिण भारत में पाया जाता है। इसके अलावा सहजन विश्‍व के उपोष्णकटिबंधीय और कटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है।

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जानिये मोरिंगा के फायदे और नुकसान

मोरिंगा के फायदे

त्वचा को चमकदार बनाता है

मोरिंगा की फली से बनी सब्जियां या फिर इस के बीज का तेल त्वचा पर लगाने से त्वचा की चमक हमेशा बरकरार रहती है। इसमें विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन ए त्वचा की सुंदरता को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मोरिंगा का सेवन करने से ड्राई त्वचा भी खिल जाती है। मोरिंगा चेहरे के पिंपल्स को खत्म कर त्वचा में निखार लाता है।

शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाता है

मोरिंगा के फल की सहायता से शुक्राणुओं की संख्या और उनकी गुणवत्ता में भी सुधार किया जा सकता है। यही महावारी के समय में महिलाओं की कई परेशानियों को दूर करता है। सहजन का सेवन महिलाओं को गर्भाशय की समस्याओं से भी बचाता है। पुरुषों में या शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के साथ साथ उनकी वीर्य को गाढ़ा करने में भी मददगार होता है।

बच्चों के लिए फायदेमंद

छोटे शिशुओं की तंदुरुस्ती के लिए भी मोरिंगा का सेवन महत्वपूर्ण माना जाता है। सहजन में कैल्शियम लोहा मैग्नीशियम फास्फोरस आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये शरीर में कैल्शियम बच्चों की हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं।

गर्भवती महिलाओं को यदि इस दौरान सहजन का सेवन कराया जाए तो उनके होने वाले बच्चों में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पायी जाती है। इसमें पाए जाने वाले सभी पोषक तत्व बच्चों के शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक भूमिका निभाते हैं।

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सर दर्द के उपचार में है सहायक

यदि आप सर दर्द से परेशान हैं तो इससे राहत पाने के लिए आप सहजन का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप मोरिंगा के पत्तों का पेस्ट बनाकर घाव पर लगा सकते हैं। सर दर्द से राहत पाने के लिए आप इसकी सब्जी बनाकर खा सकते हैं। आप चाहें तो सहजन के पत्तों को पीस कर इसे हल्का गर्म करके सिर में लेप लगाकर भी इससे फायदा ले सकते हैं। इसके बीज को पीसकर सूंघने से भी सर दर्द दूर होता है। सहजन के बीज का पाउडर सर दर्द दूर करने के लिए उपयोगी होता है।

उच्च रक्तचाप में

उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति मोरिंगा के उपयोग से राहत पा सकते हैं। जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या होती है। उन्हें सहजन की पत्तियों का रस निकालकर इसका काढ़ा बनाकर सेवन करने से राहत मिलती है।

पाचन संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद

पेचिश, दस्त, कोलाइटिस आदि जैसे पाचन से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए भी मोरिंगा का उपयोग किया जाता है। एक चम्मच मोरिंगा के ताजी पत्तियों का रस को एक चम्मच शहद में, नारियल पानी मिलाकर पीने से पाचन संबंधित तमाम समस्याओं से राहत मिलती है।

आप चाहे तो इसके फली की सब्जियां बनाकर भी खा सकते हैं। इससे आपको कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। सहजन की सब्जी गुर्दे और मूत्राशय की समस्या से पीड़ितों को भी खिलाया जा सकता है। पीलिया में भी इसके बेहद फायदे देखे जाते हैं।

मोरिंगा के नुकसान

  1. गर्भवती महिलाएं सहजन के पत्ते, जड़, छाल और फूलों को गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल करने से बचें।
  2. संवेदनशील पेट वाले लोग इसकी सब्जी खाने से बचें।
  3. प्रसव के कुछ हफ्ते बाद ही इसका प्रयोग करना चाहिए।
  4. पीरियड्स के दौरान मोरिंगा का सेवन पित्त को बढ़ाता है इसलिए इस दौरान इसका सेवन करने से बचें।
  5. जिन लोगों को ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या है, वो भी इसका इस्तेमाल ना करें।

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Neha Dhiman

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