India News (इंडिया न्यूज), Obesity in Children, नई दिल्ली : पिछले 2 दशकों में दुनिया में मोटापे की समस्या से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ी है और कई बच्चे कम उम्र में ही मोटापे की चपेट में आ जाते हैं। मोटापे का सेहत पर गंभीर और कभी-कभी दीर्घकालिक प्रभाव देखने को मिलता है। वर्ष 2020 में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 1.47 करोड़ बच्चे और किशोर मोटापे की समस्या से पीड़ित हैं।
मोटापा स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं के लिहाज से जोखिम की एक ज्ञात स्थिति है। कोविड-19 महामारी के दौरान मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ी है जो स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है। यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया और कुछ उपाय नहीं किए गए तो मोटापे से पीड़ित कई वयस्कों की तरह मोटे ही रहेंगे। मोटापे से पीड़ित कई बच्चे वयस्क होने से पहले ही यानि पूर्व किशोरा अवस्था में ही गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्यायों से पीड़ित होंगे।
इन समस्याओं का समाधान करने के लिए वर्ष 2023 की शुरुआत में ‘अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स’ ने 15 वर्षों में पहली बार मोटापा प्रबंधन संबंधी नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मैं एक बाल रोग विशेषज्ञ हूं जो कैलिफोर्निया के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में बच्चों का इलाज करती हूं और मैंने पिछले दो दशकों में स्पष्ट रूप से बच्चों में मोटापे की समस्या को बढ़ते हुए देखा है।
अपने करियर के शुरुआती दौर में मैंने केवल कभी-कभार ही किसी बच्चे को मोटापे की जटिलता के साथ देखा था। अब स्थिति यह है कि मैं हर महीने कई ऐसे बच्चों को देखती हूं जो मोटापे की समस्या का सामना कर रहे हैं। इनमें से कुछ बच्चे ऐसे हैं जो गंभीर रूप से मोटापे और कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से पीड़ित हैं जिनके इलाज के लिए कई विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है।
इस अवलोकन ने दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में कैलिफोर्निया स्वास्थ्य इक्विटी फैलोशिप के लिए मेरे अध्ययन को प्रेरित किया। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अतिरिक्त वजन वाले सभी बच्चे अस्वस्थ नहीं होते हैं। लेकिन, साक्ष्य इस बात का समर्थन करते हैं कि मोटापे, विशेष रूप से गंभीर मोटापे की समस्या का विश्लेषण करने के लिए और आकलन की आवश्यकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मोटापे को ‘असामान्य या अत्यधिक वसा संचय’ के रूप में परिभाषित करता है जो स्वास्थ्य के लिए बड़े जोखिम को पैदा करता है। वसा संरचना को मापने के लिए विशेष उपकरण की आवश्यकता होती है जो सामान्य चिकित्सक के कार्यालय में उपलब्ध नहीं होती है। इसलिए अधिकांश चिकित्सक मोटापे की जांच के लिए शरीर के माप का उपयोग करते हैं।
मोटापे को मापने का एक तरीका है बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), यह बच्चे की लंबाई और वजन के आधार पर की जाने वाली गणना है। बीएमआई शरीर में वसा को नहीं मापता, लेकिन जब बीएमआई अधिक होता है तो यह शरीर में मौजूद कुल वसा से संबंधित होता है।
मोटापे से जुड़ी यकृत की बीमारी को गैर अल्कोहल वसा युक्त यकृत (नॉन अल्कोहल फैटी लीवर) नाम दिया जाता है। अतिरिक्त वसा और चीनी को संग्रहित करने के लिए यकृत की कोशिकाएं वसा से भर जाती हैं, लेकिन सूक्ष्मदर्शी से देखने पर बच्चों का वसा युक्त यकृत अल्कोहल के कारण क्षतिग्रस्त हुए यकृत के समान दिखता है। वसा युक्त यकृत बच्चों और वयस्कों में गंभीर बीमारी का कारक बनता है।
यह भी पढ़ें : Star Anise: आइए जानते हैं चक्र फूल के 5 फायदों के बारे में, चमत्कारिक गुणों से भरपूर
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Karnal News : करनाल के नीलोखेड़ी की महात्मा गांधी कॉलोनी…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), CM Nayab Saini : सीएम नायब सिंह सैनी ने मंडलायुक्तों…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Weather Update : ठण्ड का प्रकोप बदस्तूर जारी है, जिसको…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Yamunanagar News : यमुनानगर के गांव गोलनपुर के पास पुलिस…
सैलजा का आरोप केंद्र सरकार ने प्राइवेट बैंकों को ग्राहकों को लूटने की दे रखी…
नूंह में किशोर का अपहरण कर लाठियों से पीटे जाने का एक वीडियो वायरल, पैर…