India News (इंडिया न्यूज़), Sprouted Chickpeas Health Benefits : आयुर्वेद में चने की दाल और चने को शरीर के लिए स्वास्थवर्धक बताया गया है। चने के सेवन से कई रोग ठीक हो जाते हैं, क्योंकि इसमें प्रोटीन, नमी, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स पाए जाते हैं। स्वास्थ्य के लिए भी यह दूसरी दालों से पौष्टिक आहार है। चना शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है। साथ ही यह दिमाग को तेज और चेहरे को सुंदर बनाता है। चने के सबसे अधिक फायदे इन्हें अंकुरित करके खाने से होते हैं
शरीर को सबसे ज्यादा पोषण काले चनों से मिलता है। काले चने अंकुरित होने चाहिएं, क्योंकि इन अंकुरित चनों में सारे विटामिन्स और क्लोरोफिल के साथ फास्फोरस आदि मिनरल्स होते हैं, जिन्हें खाने से शरीर को कोई बीमारी नहीं लगती। काले चनों को रातभर भिगोकर रख लें और हर दिन सुबह दो मुट्ठी खाएं। कुछ ही दिनों में फर्क दिखने लगेगा।
रातभर भीगे हुए चनों से पानी को अलग कर उसमें अदरक, जीरा और नमक को मिक्स कर खाने से कब्ज और पेट दर्द से राहत मिलती है।
शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए अंकुरित चनों में नींबू, अदरक के टुकड़े, हल्का नमक और काली मिर्च डालकर सुबह नाश्ते में खाएं। आपको पूरे दिन की एनर्जी मिलेगी।
चने का सत्तू भी स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त लाभकारी औषधि है। शरीर की क्षमता और शक्ति को बढ़ाने के लिए गर्मियों में आप चने के सत्तू में नींबू और नमक मिलकार पी सकते हैं। यह भूख को भी शांत रखता है।
पथरी की समस्या अब आम हो गई है। दूषित पानी और दूषित खाना खाने से पथरी की समस्या बढ़ रही है। गाल ब्लैडर और किडनी में पथरी की समस्या सबसे अधिक हो रही है। एैसे में रातभर भिगोए चनों में थोड़ा शहद मिलाकर रोज सेवन करें। नियमित इन चनों का सेवन करने से पथरी आसानी से निकल जाती है। इसके अलावा आप आटे और चने का सत्तू मिलाकर बनी रोटियां भी खा सकते हैं।
काला चना शरीर के अंदर की गंदगी को अच्छे से साफ करता है, जिससे डायबिटीज और एनीमिया आदि की परेशानियां दूर होती हैं और यह बुखार आदि में भी लाभ देता है।
चना ताकतवर होता है। यह शरीर में ज्यादा मात्रा में ग्लूकोज को कम करता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को फायदा मिलता है, इसलिए अंकुरित चनों का सेवन डायबिटीज के रोगियों को सुबह जरूर करना चाहिए।
मूत्र से संबंधित किसी भी रोग में भुने हुए चनों का सेवन करना चाहिए। इससे बार-बार मूत्र आने की दिक्कत दूर होती है। भुने हुए चनों में गुड़ मिलाकर खाने से यूरीन की किसी भी तरह समस्या में राहत मिलती है।
अधिक काम और तनाव की वजह से पुरुषों में कमजोरी होने लगती है। ऐसे में अंकुरित चना किसी वरदान से कम नहीं है। पुरुषों को अंकुरित चनों को चबा-चबाकर खाने से कई फायदे मिलते हैं। इससे पुरुषों की कमजोरी दूर होती है। भीगे हुए चनों के पानी के साथ शहद मिलाकर पीने से पौरुषत्व बढ़ता है और नपुंसकता दूर होती है।
पीलिया की बीमारी में चने की 100 ग्राम दाल में दो गिलास पानी डालकर अच्छे से चनों को कुछ घंटों के लिए भिगो लें और दाल से पानी को अलग कर लें। अब उस दाल में 100 ग्राम गुड़ मिलाकर 4 से 5 दिन तक रोगी को देते रहें। पीलिया से लाभ जरूरी मिलेगा। पीलिया रोग में रोगी को चने की दाल का सेवन करना चाहिए।
कुष्ठ रोग से ग्रसित इंसान यदि तीन साल तक अंकुरित चने खाए तो वह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
गर्भवती महिला को यदि मितली या उल्टी की समस्या बार-बार होती हो तो उसे चने का सत्तू पिलाना चाहिए।
अस्थमा से पीड़ित इंसान को चने के आटे का हलवा खाना चाहिए। इस उपाय से अस्थमा रोग ठीक होता है।
चने के आटे का नियमित रूप से सेवन करने से थोड़े ही दिनों में खाज, खुजली और दाद जैसी त्वचा से संबंधित रोग ठीक हो जाते हैं।
लंबे समय से चली आ रही कफ की समस्या में भुने हुए चनों को रात में सोते समय अच्छे से चबाकर खाएं और इसके बाद दूध पी लें। यह कफ और सांस की नली से संबंधित रोगों को ठीक कर देता है।
चेहरे की रंगत को बढ़ाने के लिए नियमित अंकुरित चनों का सेवन करना चाहिए। साथ ही आप चने का फेस पैक भी घर पर बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। चने के आटे में हल्दी मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा मुलायम होती है। महिलाओं को हफ्ते में कम से कम एक बार चना और गुड़ जरूर खाना चाहिए।
दस ग्राम शक्कर और दस ग्राम चने की भीगी हुई दाल को मिलाकर कम से कम एक महीने तक खाने से धातु पुष्ट होती है। चने को अपने भोजन में सम्मिलित करें। यह किसी औषधि से कम नहीं है। अंकुरित चनों का प्रयोग प्रतिदिन किया जा सकता है!
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