कोरोना रिकवरी के बाद बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा, हो सकती है जानलेवा साबित

इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली: 

कोरोना संक्रमण ठीक होने के बाद भी हमारे शरीर में कई बीमारीयां जन्म ले सकती है। कोरोना जैसी गंभीर बिमारी होने के बाद यदी एक व्यक्ति ठीक भी हो जाता है तो उसके बाद भी हमारे शरीर में कई कई और अन्य बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कई लोगों की कोरोना रिपोर्ट नेगटिव आने के बाद भी जैसे हार्ट फेलियर, रेसपीरेटरी फेलियर, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक से लेकर किडनी से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं से घिर जाते हैं। ये सब बीमारियां व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं, इसलिए इन बिमारियों के बारे में जानना और सतर्क रहना हमारे लिए जरूरी है।

लिवर से जुड़ी समस्या

सीडीसी के मुताबिक, कई मरीज कोरोना की पॉजटिव पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती किए गये तो उनमें लीवर एंजाइम के स्तर में बठोतरी देखी गई- जैसे कि एलेनिन एमिनोट्रांस्फरेज (ALT) और एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज (AST)। इसका मतलब है कि किसी व्यक्ति का लिवर कम से कम अस्थायी रूप से डैमेज हो गया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोविड संक्रमण के बाद एक्यूट लिवर डैमेज भी आम है। ये जानलेवा भी साबित हो सकता है।

रेस्पीरेटरी फेलियर

कोरोना संक्रमण ठीक हो जाने के बाद सांस से जुड़ी परेशनी का सामना करना पड़ता है। क्योंकि कोरोना संक्रमाण हमारे फेफड़ों पर सिधा प्रभाव ड़ालता है। यदी आपकी रिपोर्ट कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद आपको सांस से जुड़ी कोई परेशानी हो रही है तो आप तुरंत ही डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे कई लोग हैं जो कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी हमारे शरीर में जानलेवा कारण रह जाते है। जिसमें एक्यूट रेस्पीरेटरी फेलियर भी शामिल है, जब हमारे फेफड़े रक्त में पर्याप्त ऑक्सीजन पंप करने में सही काम नही कर पाते तो या पर्याप्त कार्बन डाइऑक्साइड बाहर नहीं निकाल पाते हैं। जिससे निमोनिया जैसी घातक बीमारी हो सकती है और इस कारण फेफड़ों में हवा की थैली में सूजन आ जाती है।

दिल से जुड़ी समस्याएं

कोरोना के मरीजों की रेकवरी होने के बाद कुछ लोगों में दिल से जुड़ी बिमारीयों का सामना करना पड़ा है। जिन लोगों को इससे पहले दिल से जुड़ी कोई बिमारी नही थी उन्हे भी इससे जुड़ी परेशानी हो सकती है। इसलिए कोरोना नेगेटिव होने के बाद भी अपनी जांच डॉक्टर से करवाते रहे। दिल के दौरे, स्ट्रोक, अतालता (अनियमित दिल की धड़कन) के अलावा, म्यूकोर्मिकोसिस (काला फंगस), और गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) जैसी बीमारियां जानलेवा साबित हो सकती हैं।

कैसे करें बचाव?

  • संतुलित डाइट खाए और खुद को तनाव मुक्त रखे। रोजाना एक्सरसाइज करें। डॉक्टर की जानकारी के बिना किसी भी प्रकार की कोई दवाई ना ले। क्योंकि डॉक्टर की सलाह के बिना दवाई लेना अपके स्वास्थ्य को और भी खराब कर सकता है।
  • कोरोन नेगेटिव आने के बाद भी डॉक्टर के संपर्क में रहे और समय समय पर बॉडी और ब्लड चेकअप करवाते रहे।
  • कोरोना से ठीक होने के बाद भी मरीजों के लिए जरूरी है कि वो अपने खान पान में संतुलित आहार को शामिल करे जिसमें फाइबर और तरल पदार्थ की मात्रा अधिक हो। इंफेक्शन को कंट्रोल रखने के लिए हर रोज डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज करें।
  • अगर सांस लेने में परेशानी और सांस फूलना या सीने में दर्द जैसे कोई भी परेशानी होती है तो नजर अंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाए।
  • यदी आपको पहले ही शुगर, हाइपरटेंशन, मोटापे से जूझ रहे थे या किसी भी प्रकार का कोई नशा करते है तो कोरोना के बाद अधिक सावधान रहे।
  • डॉक्टर द्वारा सुझाए गए नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए जाएं, और समय-समय पर जांच करके अपने फेफड़े, हृदय और लिवर के स्वास्थ्य की निगरानी करें।

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Nitesh Kumar

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