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Migraine : माइग्रेन रोगियों के लिए बहुत काम की यह जानकारी, जानने पर होगी हैरानी

BY: • LAST UPDATED : December 27, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Migraine : माइग्रेन का दर्द सूरज उगने के साथ शुरू होकर दोपहर तक बढ़ता है और दोपहर के बाद घटना शुरू हो जाता है। इस रोग में चार से बारह घण्टे तक सिर में असहनीय पीड़ा होती है। आज हम आपको माइग्रेन के रोग के समाधान के लिये कुछ उपयोगी जानकारी आपको दे रहे हैं ।

  • कम सोना, थकान रहना, समय से भोजन न करना, लम्बे समय तक भूखे रहने, ज्यादा तनाव में रहने और रात को ज्यादा देर तक जागते रहने से यह रोग हो जाया करता है। ज्यादा ठण्डी चीजों के सेवन से और ठण्डी जगहों पर ज्यादा देर तक ठहरने से भी इस रोग की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं।
  • आँखों के सामने काला धब्बा और धुँधलापन सा छाने लगता है। कभी कभी तेज रोशनी की भी अनुभूति होती है। रोगी को हाथ-पैर में झुनझुनाहट और सुन्नता महसूस होती है। मानसिक रूप से रोगी खिन्न सा रहता है और चिड़चिड़ा स्वभाव हो जाता है।
  • मल-मूत्र, गैस और भूख के वेगों को रोके न। यथासम्भव शीघ्र इनका त्याग कर देना चाहिए। मौसम के अनुकूल ही रहन-सहन और खाना-पीना रहना चाहिये।
  • माइग्रेन के रोगी को हल्का, सुपाच्य और फाइबर युक्त भोजन करना चाहिये और हरी पत्तेदार सब्जियों और मौसमी फलों का सेवन जरूर करना चाहिये।
  • रात को जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत को नियमित बनायें। क्रोध, चिन्ता और तनाव आदि मानसिक विकारों से बचें।

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  • अपने आहार शैली पर जरूर ध्यान दें। मौसम के अनुसार ताजा बना भोजन ही करें और ठण्डी चीजों के सेवन से हर स्थिति में बचें। विशेष तौर पर रात के समय चावल, मूली, दही और राजमा आदि खाने से बचें।
  • इस रोग की अचूक व रामबाण औषधी है देशी गाय का घी (जितना पुराना उतना उत्तम) जिसको हल्का गर्म करके रात को सोते वक्त 2-2 बून्द दोनों नाक में डालें व हल्का खिंचे। इस प्रक्रिया से माइग्रेन ही नही, खराटे, लकवा, नकसीर, नाक की हड्डी बढ़ना, अनिद्रा, स्मरण शक्ति का कम होना, एलर्जी, ब्रेन में खून के बहाव की कमी जैसे जाने अनजाने सभी रोगों का नाश करती है।
  • माइग्रेन के दर्द की तीव्र अवस्था में दालचीनी पीसकर चन्दन के पेस्ट अथवा पानी के साथ सिर पर लेप करने से बहुत अच्छा लाभ मिलता है।

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Migraine की दवा

  • अलसी चूर्ण 200 ग्राम।
  • तुलसी पत्ते चूर्ण 100 ग्राम।
  • दालचीनी 50 ग्राम।
  • सौंठ 50 ग्राम।
  • मलहठी 50 ग्राम।
  • बादाम 50 ग्राम।

इसे चूर्ण बनाकर एक चम्मच सुबह शाम या 3 बार दूध के साथ दो।

बार-बार सिर दर्द हो तो न लें हल्के में

वहीं आपको बता दें कि बार-बार सिर दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह माइग्रेन का दर्द भी हो सकता है। माइग्रेन में सिर के एक ही हिस्से में दर्द होता है। माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें रह-रहकर सिर में एक तरफ बहुत ही चुभन भरा दर्द होता है। यह दर्द कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रहता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक, मितली व उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा माइग्रेन में रोशनी, तेज आवाज से परेशानी महसूस होती है। कई बार माइग्रेन का दर्द ब्रेन हेमरेज या लकवे का कारण भी हो सकता है।

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