India News (इंडिया न्यूज़), Water Like Nectar : ‘अजीर्ण होने पर जल-पान औषधवत है। भोजन पच जाने पर अर्थात भोजन के डेढ़- दो घंटे बाद पानी पीना अति बलदायक है। भोजन के मध्य में मात्र 2-3 घुट पानी पीना अमृत के समान है और भोजन के अंत में विष के समान अर्थात पाचनक्रिया के लिए काफी ज्यादा हानिकारक है।
अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम |
भोजने चामृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम ||
पानी से रोगों का इलाज एवं उपचार :
1 अल्प जलपान : उबला हुआ पानी ठंडा करके थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पीने से अरुचि, जुकाम, मंदाग्नि, सुजन, खट्टी डकारें, पेट के रोग, नया बुखार और मधुमेह में लाभ होता है।
2. उष्ण जलपान : सुबह उबाला हुआ पानी गुनगुना करके दिनभर पीने से प्रमेह, मधुमेह, मोटापा, बवासीर, खाँसी-जुकाम, नया ज्वर, कब्ज, गठिया, जोड़ों का दर्द, मंदाग्नि, अरुचि, वात व कफ जन्य रोग, अफरा, संग्रहणी, श्वास की तकलीफ, पीलिया, गुल्म, पार्श्व शूल आदि में पथ्य का काम करता है।
3. प्रात: उषापान : सूर्योदय से 2 घंटा पूर्व, शौच क्रिया से पहले रात का रखा हुआ आधे से सवा लीटर पानी पीना असंख्य रोगों से रक्षा करने वाला है। शौच के बाद पानी न पियें।
औषधिसिद्ध जल :
1. सोंठ-जल : दो लीटर पानी में 2 ग्राम सोंठ का चूर्ण या 1 साबूत टुकड़ा डालकर पानी आधा होने तक उबालें। ठंडा करके छान लें। यह जल गठिया, जोड़ों का दर्द, मधुमेह, दमा, क्षयरोग (टी.बी.), पुरानी सर्दी, बुखार, हिचकी, अजीर्ण, कृमि, दस्त, आमदोष, बहुमुत्रता तथा कफजन्य रोगों में खूब लाभदायी है।
2. अजवायन-जल : एक लीटर पानी में एक चम्मच (करीब 7.5 ग्राम) अजवायन डालकर उबालें। पानी आधा रह जाय तो ठंडा करके छान लें। उष्ण प्रकृति का यह जल ह्दय-शूल, गैस, कृमि, हिचकी, अरुचि, मंदाग्नि, पीठ व कमर का दर्द, अजीर्ण, दस्त, सर्दी व बहुमुत्रता में लाभदायी है।
3. जीरा-जल : एक लीटर पानी में एक से डेढ़ चम्मच जीरा डालकर उबालें। पौना लीटर पानी बचने पर ठंडा कर छान लें। शीतल गुणवाला यह जल गर्भवती एवं प्रसूता स्रियों के लिए तथा रक्तप्रदर, श्वेतप्रदर, अनियमित मासिकस्त्राव, गर्भाशय की सूजन, गर्मी के कारण बार-बार होने वाला गर्भपात व अल्पमुत्रता में आशातीत लाभदायी है।
4. सोने के पात्र का रखा जल या जल पात्र में स्वर्ण डला हुया पानी छाती के ऊपर सभी रोग अर्थात कफ विकृति से उत्पन्न रोग जैसे मानसिक अवसाद अनिद्रा में रामबाण औषधि है।
खास बातें :
* भूखे पेट, भोजन की शुरुवात व अंत में, धूप से आकर, शौच, व्यायाम या अधिक परिश्रम व फल खाने के तुरंत बाद पानी पीना निषिद्ध है।
* बहुत अधिक या एक साथ पानी पीने से पाचन बिगड़ता है, इसलिए बार-बार थोड़ा-थोड़ा पानी पीना चाहिए।
* लेटकर, खड़े होकर पानी पीना तथा पानी पीकर तुरंत दौड़ना या परिश्रम करना हानिकारक है। बैठकर धीरे-धीरे चुस्की लेते हुए पानी पीना चाहिए।
* प्लास्टिक की बोतल में रखा हुआ, फ्रिज का या बर्फ मिलाया हुआ पानी हानिकारक है।
* सामान्यत: व्यक्ति के लिए एक दिन में डेढ़ से दो लीटर पानी पर्याप्त है।
नव विवाहित जोड़ों के ऊपर सुदीक्षा महाराज और रमित ने की फूलों की वर्षा India…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sushma Swaraj Award : महिला एवं बाल विकास विभाग ने उपलब्धि…
अवैध शराब को तस्करी कर बिहार ले जाया जा रहा था India News Haryana (इंडिया…
प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण को लेकर पर सरकार की सख्ती हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट न…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Councillor Hunger Strike : सोनीपत जिला परिषद के अधिकारों की मांगों…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), 'Unique House' Picture Viral : हरियाणा के नूंह जिले के…