काम की बात

World Suicide Prevention Day : आत्महत्या के विचार आते हों तो क्या करें? : श्री श्री रवि शंकर

India News Haryana (इंडिया न्यूज), World Suicide Prevention Day : आत्महत्या की प्रवृत्ति, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा एक गंभीर विषय है। लोग अक्सर अवसाद या अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बात नहीं करते हैं। जैसे लोग मधुमेह जैसी शारीरिक बीमारियों के बारे में खुलकर बात करते हैं, उसी तरह से मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर भी चर्चा करने में संकोच नहीं करना चाहिए। हमें लोगों को उनके मानसिक स्वास्थ्य के विषय में बात करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

World Suicide Prevention Day : युवा पीढ़ी को यह भरोसा दिलाना होगा कि वे अकेले नहीं हैं

हमें अपनी युवा पीढ़ी को यह भरोसा दिलाना होगा कि वे अकेले नहीं हैं। समाज में मानवीय मूल्य और मानवता की कोई कमी नहीं है और  उनकी सहायता के लिए बहुत से लोग हैं। यह भरोसा सिर्फ़ युवाओं के लिए ही नहीं है; बल्कि दिन भर घर में काम करते हुए एकाकी जीवन जीने वाली गृहणियों सहित समाज के अन्य सभी वर्गों के लिए है।

इसके अलावा, भले ही दूसरे लोग अपनी समस्याओं के विषय में बात न करें, फिर भी हम इस विषय में सतर्क रहकर बदलाव ला सकते हैं। जब आप किसी को उदास देखें, तो बस यूं ही उनके बगल से न गुजर जाएं। रुकें और उनसे पूछें, “अरे, क्या बात है? क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूँ?” लोगों से जुड़ना और उनकी सहायता करना बहुत जरूरी है। ऐसा करके हम कई लोगों के दिल और दिमाग को हल्का कर सकते हैं।

एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए

कुछ साल पहले 2014 में, हमने एक “हैप्पीनेस सर्वे” शुरू किया था। हमारे स्वयंसेवक घर-घर गए और उन्होंने लोगों से उनकी खुशी और उनकी समस्याओं के बारे में कुछ सवाल पूछे। जब हमारे स्वयंसेवक, दूसरे लोगों से यह प्रश्न पूछते थे, तो लोगों को बहुत राहत महसूस होती थी। एक महिला ने हैप्पीनेस सर्वे की प्रतिक्रिया में बताया कि पहली बार किसी ने उससे पूछा कि “क्या वह खुश है और क्या उसे किसी चीज की जरूरत है।” दरअसल बातचीत करने के पहले वह बहुत भावुक और दुखी महसूस कर रही थी। तो यह कुछ ऐसा है जिसके लिए पूरे समाज को तत्पर रहना चाहिए और एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए।

प्राण स्तर को बढ़ाने में संगीत भी अत्यंत निभाता है महत्वपूर्ण भूमिका

हमने यह देखा है कि जब लोग इस तरह के अवसाद या आत्महत्या जैसे मनोभाव से गुजर रहे होते हैं, उस समय हमारे प्राणशक्ति के स्तर में वृद्धि बहुत सहायता करती है। जब लोग उदास महसूस करते हैं, तो उनकी प्राण ऊर्जा अक्सर समाप्त हो जाती है, जिससे उनमें अवसाद और आत्महत्या के विचार आ सकते हैं।

ऐसी परिस्थितियों में व्यायाम का अभ्यास कुछ हद तक मदद कर सकता है लेकिन यह  थकान भी पैदा कर सकता है। इसलिए जिन लोगों को व्यायाम करना कठिन या उबाऊ लगता है, उनके लिए योग और ध्यान, बिना थकाए प्राण स्तर को बढ़ाने में कारगर हैं। प्राण स्तर को बढ़ाने में संगीत भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब हमारे भीतर प्राणशक्ति अधिक होती है, तब नकारात्मक विचार आने की संभावना कम हो जाती है।

विस्तार और संकुचन की इस अनुभूति को समझना महत्वपूर्ण

खुशी अक्सर विस्तार की भावना से जुड़ी होती है। जब हमारी प्रशंसा होती है, तो हमारे भीतर विस्तार की भावना होती है। इसके विपरीत, अपमान हमें संकुचित महसूस कराता है। योग विज्ञान के अनुसार, चेतना में विस्तार और संकुचन की इस अनुभूति को समझना महत्वपूर्ण है। संगीत, खुशमिजाज लोगों या बच्चों के साथ समय बिताना, नृत्य और ध्यान जैसी गतिविधियों में शामिल होना,  ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

इसके अतिरिक्त, योग और ध्यान जैसी क्रियाएँ व्यक्ति की मानसिक स्थिति, ऊर्जा के स्तर और जीवन की समग्र गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार कर सकती हैं। ये अभ्यास कम ऊर्जा और अरुचि की भावनाओं को दूर करने में मदद करते हैं, जो हमें एक बेहतर और जीवंत जीवन की ओर अग्रसर करता है।

नकारात्मक विचार आये या मन भारी लगे तो उन्हें चाहिए कि बाहर निकलें

जब भी किसी के मन में कोई नकारात्मक विचार आये या मन भारी लगे तो उन्हें चाहिए कि बाहर निकलें और ज़रूरतमंद लोगों से बात करें और उनसे पूछें कि “वे उन ज़रूरतमंद लोगों के लिए क्या कर सकते हैं।” केवल इस बात की सजगता कि वे यहाँ कई दूसरे लोगों की मदद करने के लिए आए हैं, उन्हें तुरंत सकारात्मक विचारों से भर देगी । इसलिए ऐसे लोगों को किसी न किसी सेवा परियोजना में भाग लेना चाहिए। फिर वे देखेंगे कि उनके पास ऐसे नकारात्मक विचारों के लिए समय ही नहीं है। तो सुबह उठें और दिन भर ज़रूरतमंद लोगों की सेवा में व्यस्त रहें।

जब आप खाली हों, तो ध्यान करें

इस तरह से वे रात तक थक जाएंगे और जब वे फिर बिस्तर पर जायेंगे और अच्छी गहरी नींद ले सकेंगे। जब आप खाली हों, तो ध्यान करें। यदि आपको बार-बार ऐसे विचार आ रहे हैं, तो इसका अर्थ है कि आप पर्याप्त व्यायाम नहीं कर रहे हैं; आपको जॉगिंग करनी चाहिए। इससे आपके शरीर में बेहतर रक्त संचार होगा। इसके अलावा, ज्ञानवर्धक किताबें पढ़ें। भगवद गीता, उपनिषद या कोई प्रेरणादायी नोटबुक हर दिन पढ़ें, चाहे सिर्फ़ एक पेज ही क्यों न हो। अगर आप खुद को ज्ञान, संगीत और सेवा में व्यस्त रखेंगे, तो ये विचार बार-बार नहीं आएंगे।

Sri Sri Ravishankar on Friendship Day : जीवन की पूंजी होते हैं, मित्र, अपने जीवन में किसी के अच्छे मित्र अवश्य बनें : श्री श्री रवि शंकर

Sri Sri Ravishankar : आइसलैंड के प्रधानमंत्री बजर्नी बेनेडिक्टसन ने श्री श्री रवि शंकर से की मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर चर्चा

Anurekha Lambra

Share
Published by
Anurekha Lambra

Recent Posts

Jind Accident : कार व ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर में कार सवार दो श्रद्धालुओं की मौत

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Jind Accident : सफीदों कस्बे के जींद रोड़ पर गांव रत्ताखेड़ा…

9 hours ago

Loharu Vidhan Sabha : कामयाब जनसमर्थन रैली के बाद आभार जताने कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे जेपी दलाल

लोहारू की जनता का सदैव ऋणी रहेगा मेरा परिवार: जेपी दलाल दिनभर चर्चा का विषय…

9 hours ago

Subhash Barala Taunts Congress : वोट के बदले नौकरी देना कांग्रेस का भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला एक सूत्रीय फार्मूला 

कांग्रेस का घोषणा पत्र मात्र ढकोसला, असली मकसद झूठ बोलकर सत्ता हथियाना India News Haryana…

10 hours ago

Jind Crime : अमेरिका भेजने का झांसा दे 27 लाख ठगे

पुलिस ने तांत्रिक समेत चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का किया मामला दर्ज India News…

10 hours ago

Haryana Election 2024 : सिनेमाघर और केबल पर एमसीएमसी कमेटी की अनुमति से ही होगा विज्ञापनों का प्रसारण

पेड न्यूज पर रखी जा रही है विशेष नजर, एमसीएमसी कमेटी से प्रमाणपत्र के बाद…

10 hours ago

Haryana Assembly Elections 2024 : अंतरराज्यीय हरियाणा-यूपी पुल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

सुरक्षा की दृष्टि से यूपी पुलिस अलर्ट  India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Assembly Elections 2024…

10 hours ago