इंडिया न्यूज ।
You can build the future by following their policies. : इंसान का भविष्य उसके बर्ताव पर निर्भर करता है । आज हम आपको एक महान ऋषि मुनि की कुछ ऐसी नीतियों के बारे में बताएंगे जिन पर अमल करके हम अपने भविष्य का निर्माण कर सकते है । अगर हम इन नीतियों के खिलाफ बर्ताव करेंगे तो हमारा विनाश निश्चित है ।
आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में उन लोगों के बारे में जो गलत बर्ताव करते हैं। ऐसे लोगों का हमेशा विनाश होता है। असंतुष्ट ब्राह्मण, संतुष्ट राजा, कठोर आचरण करने वाली गृहिणी ये सभी लोग विनाश को प्राप्त होते है
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ब्राह्मण ने अपने ज्ञान के द्वारा ही समाज में उच्च स्थान पाया हुआ है। वह अपने शास्त्रों के ज्ञान से ही लोगों का उपकार करते हैं और वहीं हर व्यक्ति पुण्य कमाने के लिए ब्राह्मण को दान देने के साथ सम्मान देते हैं। लेकिन अगर ब्राह्मण व्यक्ति द्वारा किए गए दान से संतुष्ट होकर अधिक की मांग करता है तो आज नहीं तो कल उसका विनाश जरूर लिखा है।
एक राजा को कभी भी संतुष्ठ नहीं होना चाहिए। क्योंकि अगर राजा संतुष्ठ हो गया तो आने वाले समय में वह न तो अपने राज्य को बढ़ा पाएगा और न ही प्रजा का ठीक ढंग से ध्यान रख पाता है जिसके कारण आने वाले समय में उस राज्य का नाश जरूर होता है।
गृहिणी घर की लक्ष्मी मानी जाती है। वह घर के साथ-साथ परिवार की देखभाल के साथ पूरे कुल के मान-सम्मान का ख्याल रखती हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर वहीं गृहिणी कठोर हो जाए तो घर में रोजाना कलह होना शुरू हो जाएगी। कलह के कारण आने वाले समय में धनहानि,बिजनेस में नुकसान के साथ कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।