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Bilkis Bano Gangrape Case Hearing : गुजरात सरकार को रिहाई का फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : January 8, 2024

India News (इंडिया न्यूज), Bilkis Bano Gangrape Case Hearing, अहमदाबादगुजरात में 2002 दंगों के समय बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 दोषियों को समय से पहले जेल से रिहा करने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने रद कर दिया है। जी हां जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सोमवार को फैसला सुनाया और कहा- सजा अपराध रोकने के लिए दी जाती है। वहीं कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार को रिहाई का फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है फिर वह दोषियों को कैसे माफ कर सकती है। सुनवाई महाराष्ट्र में हुई है तो रिहाई पर फैसला भी वहीं की सरकार करेगी।

11 दोषियों को मिली हुई है उम्रकैद की सजा

मालूम रहे कि गैंगरेप के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था। जनवरी-2008 में CBI की स्पेशल कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपियों की सजा को बरकरार रखा था। आरोपियों को पहले मुंबई की आर्थर रोड जेल, बाद में नासिक जेल में रखा गया था। करीब 9 वर्षों बाद सभी को गोधरा की सबजेल में भेजा गया था।

जानें पूरा कांड

आपको जानकारी दे दें कि गुजरात में गोधरा कांड के बाद 3 मार्च-2002 को दंगे भड़के थे, जिसके दौरान ही जिला दाहोद के लिमखेड़ा तालुका में गांव रंधिकपुर में उग्र भीड़ महिला बिलकिस बानो के घर में घुस गई। इस दौरान किसी तरह  दंगाइयों से बचकर परिवार सहित एक खेत में जा छिपी। लेकिन दंगाइयों ने बिलकिस का गैंगरेप कर डाला था। दंरिदगी यहीं खत्म नहीं हुई थी दंगाइयों ने उनकी मां और 3 और महिलाओं के साथ भी बलात्कार किया था। परिवार के 7 लोगों की हत्या तक कर दी गई थी। दर्द इतना मिला की की परिवार के 6 लोग आजतक लापता हैं।

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