इसी कड़ी में बीजेपी प्रवक्ता में सुधांशु त्रिवेदी ने हिस्सा लिया। 2014 में केवल 30 प्रतिशत लोगों के पास बैंक का खाता था। तब बैंको ने कहा था कि एक साल में 1.5 करोड़ से ज्यादा खाता (Festival Of Ideas) नहीं खोला जा सकता है। आरबीआई ने कहा था कि 2.5 करोड़ से ज्यादा खाता नहीं खोला जा सकता। यह मोदी जी के आइडिया का ही परिमाणा था कि 30 करोड़ से ज्यादा खाता एक साल में खोला गया।
500 साल आगे की सोचते हैं
नेताओं से जनता हमेशा कहती है कुछ नया दो, मोदी जी ने कहा कि सब्सिडी छोड़ दो और लोगों ने छोड़ दिया। लालबहादुर शास्त्री के बाद पहली बार ऐसा मौका आया था जब लोगों ने नेता के कहने पर छोड़ दिया। जब लाल किले से मोदी जी ने कहा कि आने वाले 25 सालों को हम आने वाले हजार साल का आधार बनाएंगे। बाकि पार्टियों एक- दो चुनाव तक सोचती था। हम 5 हजार साल पीछे भी सोचते है और 500 साल आगे की भी।
मोदी जी ने प्रेरणा दी
चंद्रयान-3 इसरो की वैज्ञानिकों की तपस्या से हुआ लेकिन इसमें मोदी जी की प्रेरणा भी थी। जब चंद्रयान-2 फेल हुआ तब मोदी ने कहा कि आपको जैसा फैसला करना है कीजिए, तब हमें आज यह परिमाण देखने को मिला है। 26/11 के बाद कांग्रेस सरकार ने शरमल शेख का समझौता किया और कहा कि बातचीत, आतंकवाद से प्रभावित नहीं होगी। हमने कहा, आतंकवाद के साथ बातचीत नहीं होगी। जनकल्याण, विकास, सुरक्षा और आत्मगौरव चारों को लेकर आगे बढ़ेंगे।
सबूत मांगा गया
यह भारत में दुर्भाग्य है की लोग पूछते है कि राष्ट्रवाद मु्द्दा होगा। अल जहावरी को अमेरिका ने मारा, ओसमा बिन लादेन को मारा तो सबूत दिया? लेकिन हमारे यहां सर्जिकल सट्राइक हुई, बालाकोट मे एयर सट्राइल हुई तो नेताओं ने सबूत मांगा।
भारत जोड़ो यात्रा से लेना-देना नहीं
भारत जोड़ो यात्रा पर त्रिवेदी ने कहा कि उनकी यात्रा से मोदी जी से न कोई लेना-देना है ना ही बीजेपी से, यह यात्रा केवल विपक्ष में कांग्रेस को अप्रासंगिक होने से बचाया आना था। जब कर्नाटक में कांग्रेस की जीत हुई तो इंडिया गठबंधन में दलों को समझ नहीं आया की कांग्रेस की जीत का जश्न मनाए या कर्नाटक की हार का जश्न। इंडिया नाम पर रखने पर त्रिवेदी ने कहा कि यह लोग नामदरा है हम लोग कामदार है।
10 करोड़ लोग कहीं थे नहीं
तुष्टिकरण, परिवारवाद और भष्ट्राचार कितना बड़ा मु्द्दा है, इसपर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मनरेगा जैसी योजनाओं में 10 करोड़ लोग ऐसे थे जो कही थे नहीं लेकिन पैसा जैसा था। उन्होंने कहा कि हमने मिसाइल राजीव गांधी जी के जमाने में बना लिया था, लेकिन क्या हम राइफल नहीं बना सकते थे? क्योंकि हथियार की खरीद में भष्ट्राचार होता है, इससे देश का आर्थिक नुकसान हुआ साथ ही सामरिक नुकसान भी हुआ।
दुनिया में आत्मा का स्थान भारत का
परिवारवाद पर उन्होंने कहा कि बीजेपी का अध्यक्ष आज से पांच साल बाद कौन होगा क्यों नहीं बता सकता। लेकिन इन पार्टियों में कौन अध्यक्ष होगा यह सब लोग बता सकते है। तुष्टिकरण पर सुधांशु त्रिवेदी कहा कि कांग्रेस को अच्छा और सच्चा मुस्लिम अच्छा नहीं लगता इसलिए उनका यह हाल। आचार्य अरविंदो की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो जगह शरीर में आत्मा की होती है वही दुनिया में भारत में स्थान है।
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