India News (इंडिया न्यूज़), Farmers Protest Day 11, चंडीगढ़ : किसानों का धरना-प्रदर्शन थमता नजर नहीं आ रहा। दिल्ली कूच के लिए हरियाणा-पंजाब के बॉर्डरों पर डटे किसान खनौरी सीमा पर 21 फरवरी को झड़प में मारे गए बठिंडा के युवा किसान शुभकरण की मौत के विरोध में आज देशभर में ब्लैक डे मनाएंगे। वहीं 26 फरवरी को देशभर में ट्रैक्टर मार्च और 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत की जाएगी।
भाकियू चढूनी गुट ने कल 2 घंटे किया था रोड जाम
शुभकरण की मौत के बाद किसानों ने फिलहाल दिल्ली कूच रोका हुआ है। इससे पहले बीते कल भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) चढूनी गुट ने हरियाणा में कई जगह सड़कें जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। जाम के कारण कई वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप
किसानों ने जगह-जगह जाम लगाकर सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए और पंजाब के युवा किसान की मौत को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पानीपत-जींद स्टेट हाईवे पर गांव भालसी में जाम लगाया। कैथल में हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर स्थित तितरम मोड़ पर किसानों जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। झज्जर में किसानों ने भागलपुरी चौक पर जाम लगाया। वहीं पंजाब के किसानों के समर्थन में यमुनानगर में सहारनपुर-पंचकुला नेशनल हाईवे 344 पर जाम लगाया है।
शुभकरण के परिवार को एक करोड़ और छोटी बहन को देंगे सरकारी नौकरी : सीएम मान
खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरन सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी.. दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी ..फर्ज निभा रहे हैं…
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) February 23, 2024
वहीं मान सरकार ने युवा किसान शुभकरण के परिवार को एक करोड़ रुपए और छोटी बहन को नौकरी देने का ऐलान किया है। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों की ओर से युवा किसान शुभकरण पर सीधी फायरिंग की गई है, इसलिए पंजाब सरकार हत्या का केस दर्ज करे। वहीं किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने शुभकरण को शहीद का दर्जा देने की मांग की है।
शंभू बॉर्डर पर बोरियों से बनाए बंकर
उधर किसानों ने पुलिस के बल प्रयोग से निपटने के लिए शंभू बॉर्डर पर रेत की बोरियों से बंकर बना दिए हैं। देखकर ऐसा लगता है, जैसे किसान किसी बड़ी जंग की तैयारी कर रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग से किसान जत्थेबंदियों के मंच तक करीब 300 मीटर का फासला है। इसी जगह किसान नेता इकट्ठे होकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं और यहीं पर उन पर आंसू गैस के गोले, रबड़ की गोलियां और ड्रोन से हमला हो रहा है।
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