होम / Kartikeya Sharma ने फसल विविधीकरण प्रोत्साहन का मामला सदन में उठाया

Kartikeya Sharma ने फसल विविधीकरण प्रोत्साहन का मामला सदन में उठाया

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : December 16, 2023

संबंधित खबरें

India News (इंडिया न्यूज़), Kartikeya Sharma, चंडीगढ़ : राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा किसान के मुद्दों को सदन में लगातार उठा रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने सदन में सवाल पूछा कि क्या मंत्रालय द्वारा पंजाब और हरियाणा में फसल प्रतिस्थापन और विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए कोई उपाय किए गए हैं और क्या ऐसे उपायों से इन राज्यों में धान की खेती का प्रतिस्थापन हुआ है। साथ ही पूछा कि विगत पांच वर्षों के दौरान इन राज्यों में धान की खेती के क्षेत्र में क्या बदलाव आया है?

अर्जुन मुंडा ने सदन में ये दिया जवाब

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने इसको लेकर सदन में जवाब दिया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग अधिक जल उपयोग से पैदा होने वाले धान की फसल के क्षेत्र को दलहन, तिलहन, मोटे अनाजों, पोषक अनाजों और कपास आदि जैसी वैकल्पिक फसलों में प्रतिस्थापित करने के लिए मूल हरित क्रांति वाले राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र पुनरुद्धार हेतु लाभकारी दृष्टिकोण (आरकेवीवाई-रफ्तार) के अंतर्गत फसल विविधीकरण कार्यक्रम (सीडीपी) क्रियान्वित कर रहा है।

सीडीपी के तहत वैकल्पिक फसलों के प्रदर्शन, कृषि यंत्रीकरण और मूल्यवर्धन, स्थान विशेष गतिविधियों और जागरूकता एवं क्षमता निर्माण की आवश्यकता आदि के लिए सहायता दी जाती है। इसके अलावा, भारत सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत दलहन, मोटे अनाजों, पोषक अनाजों (श्रीअन्न) और कपास जैसी फसलों के विविध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों में सहयोग करती है। भारत सरकार आरकेवीवाई रफ्तार के तहत राज्यों को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं/प्राथमिकताओं के लिए भी छूट प्रदान करती है। अपने-अपने राज्यों के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय मंजूरी समिति (एसएलएससी) के अनुमोदन से आरकेवीवाई के तहत फसल विविधीकरण को बढ़ावा दे सकते हैं।

4,69,652 हेक्टेयर क्षेत्र में वैकल्पिक फसल प्रदर्शन आयोजित किए गए

उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों की रिपोर्ट के अनुसार धान की खेती को वैकल्पिक फसलों जैसे दलहन, तिलहन, पोषक अनाजों, मोटे अनाजों, सब्जियों और बागवानी फसलों आदि में विविधता लाने के लिए वर्ष 2013-14 से 2022-23 तक पंजाब और हरियाणा राज्यों में सीडीपी के अंतर्गत 4,69,652 हेक्टेयर क्षेत्र में वैकल्पिक फसल प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं। जबकि पंजाब में धान की खेती वर्ष 2018-19 के 31.03 लाख हेक्टेयर से घटकर 2022-23 में 30.98 लाख हेक्टेयर हो गई है, तथापि हरियाणा में यह इसी अवधि के दौर 14.47 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 15.20 लाख हेक्टेयर हो गई है।

यह भी पढ़ें : International Gita Mahotsav 2023 का विधिवत शुभारंभ करेंगे उपराष्ट्रपति धनखड़

यह भी पढ़ें : International Gita Mahotsav 2023 : सोने के पानी से बनी श्री कृष्ण भगवान की पेंटिंग पहुंची गीता महोत्सव पर, लाखों में है कीमत

यह भी पढ़ें : Vijay Diwas 2023 : पीएम और राष्ट्रपति ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Panipat Police ने युवाओं के लिए कराई वॉलीबॉल व कबड्डी प्रतियोगिता, जिला के नशा मुक्त 104 गांवों के सरपंचों को किया सम्मानित
Good Governance Day : सुशासन में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला जिला बना ‘कैथल’ सीएम ने डिजिटल सुधारों में अग्रणी विभागों को राज्य एवं जिला स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए
DGP Haryana ने 32 पुलिसकर्मियों को किया सम्मानित, कहा – अधिकारी व कर्मचारी के लिए उसकी कर्मभूमि ही उसका सबसे बड़ा धार्मिक स्थल 
Good Governance Day पर प्रदेश में विभिन्न जगहों पर हुए कार्यक्रम, सुशासन में श्रेष्ठ भूमिका निभाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को किया सम्मानित
Jagadguru Swami Brahmanand के 116वें जन्मोत्सव कार्यक्रम में हरविंद्र कल्याण ने की शिरकत, ब्रह्मानंद को खूबियों का किया बखान
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT