India News, (इंडिया न्यूज), Medieval Idol Of Ganesha, चंडीगढ़ : प्रदेश के जिला फतेहाबाद के भट्टू गांव के ऐतिहासिक कर्ण कोट टीले से एक मध्यकालीन युग की गणेश की अष्ट धातु की प्रतिमा मिली है। मूर्ति के मिलने से काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। उक्त प्रतिमा का मिलना इस बात का प्रमाण है कि हड़प्पाकाल से लेकर मध्यकालीन युग तक यहां पर लोगों का निवास था। कर्ण कोट टीला सरस्वती नदी के तट पर स्थित है और यहां सरस्वती नदी के बहाव के निशान भी मिल रहे हैं।
जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि जिस दौरान भट्टू में गांव का किसान रिछपाल अपने खेत में सिंचाई कर रहा था तो एक मूर्ति उभरी हुए उसे नजर आई। नजदीक जाकर देखा तो यह श्री गणेश की मूर्ति थी। मूर्ति को पाकर वह काफी हैरान रह गया। उसने तुरंत सूचना अन्य लोगों को दी। धीरे-धीरे पूरे गांव में सूचना फैल गई। मौके पर सूचना सेफ्टी इंजीनियर अजय कुमार व पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी पहुंचे। मूर्ति को देखकर पुरातत्व विभाग का कहना है कि यह मूर्ति मध्यकालीन युग की है और कम से कम 650 ईस्वी की लगती है लेकिन अभी इसकी जांच की जाएगी।
मालूम रहे कि कर्ण कोट टीला इसी टोहाना उपमंडल के भूना क्षेत्र में है, जहां इससे पहले हाथी दांत की चूड़ियां, गुप्त काल की मदनिका की मूर्ति, कांच की चूड़ियां, रोशनी में चमकने वाली मणि, महाभारतकालीन ग्रेवियार्ड ऑब्जेक्ट, प्राचीन शिवलिंग सहित अनेक पुरातात्विक महत्व के सामान मिल चुके हैं।
कर्ण कोट टीला अपने आप में ऐतिहासिक महत्व से जुड़ा हुआ है। इस टीले से महाभारत काल के अवशेष तो मिलते ही रहते हैं, साथ ही हड़प्पा संस्कृति व एंग्लो-सिख युद्ध के प्रमाण भी यहां पर मिले हैं। कर्ण कोट टीले से जो मूर्ति मिली है, यह मध्यकालीन युग की लग रही है।
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