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PM Modi on Article 370 : कश्मीर में मोहभंग, निराशा और हताशा की जगह अब विकास, लोकतंत्र और गरिमा ने ले ली : प्रधानमंत्री

• LAST UPDATED : December 12, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), PM Modi on Article 370, दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में पिछले चार साल में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र में नए सिरे से विश्वास जगा है और मोहभंग, भ्रम व निराशा की जगह विकास, लोकतंत्र और गरिमा ने ले ली है। अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के सरकार के फैसले की वैधता को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के बाद मंगलवार को कई अखबारों में प्रकाशित एक लेख में मोदी ने कहा कि कैसे वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य के रूप में कई दशकों तक इस मुद्दे से जुड़े रहे और इसमें शामिल बारीकियों और जटिलताओं की बारीक समझ विकसित की थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोग विकास चाहते हैं और अपनी ताकत एवं कौशल के आधार पर भारत के विकास में योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस पूर्ववर्ती राज्य के लोग अपने बच्चों के लिए बेहतर जीवन स्तर चाहते हैं जो हिंसा और अनिश्चितताओं से मुक्त हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार नागरिकों की चिंताओं को समझने, कार्यों के माध्यम से विश्वास बनाने और “विकास, विकास और अधिक विकास” को प्राथमिकता देने के तीन स्तंभों को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के साथ ही उच्चतम न्यायालय ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत किया है। उन्होंने याद दिलाया है कि जो हमें परिभाषित करता है वह एकता के बंधन और सुशासन के लिए एक साझा प्रतिबद्धता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे को साफ-सुथरा माहौल मिलता है, जिसमें वह जीवंत आकांक्षाओं से भरे अपने भविष्य को साकार कर सकता है। आज लोगों के सपने बीते समय के मोहताज नहीं, बल्कि भविष्य की संभावनाएं हैं। जम्मू और, कश्मीर में मोहभंग, निराशा और हताशा की जगह अब विकास, लोकतंत्र और गरिमा ने ले ली है।’’उन्होंने कहा कि इससे पहले महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और समाज के वंचित तबकों को उनका हक नहीं मिल रहा था जबकि लद्दाख की आकांक्षाओं की अनदेखी की जा रही थी।

उन्होंने कहा कि सभी केंद्रीय कानून अब क्षेत्र में बिना किसी भय या पक्षपात के लागू किए जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिनिधित्व भी पहले से अधिक व्यापक हो गया है। त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली लागू हो गई है, बीडीसी चुनाव हुए हैं, और शरणार्थी समुदाय, जिन्हें लगभग भुला दिया गया था, उन्हें भी विकास का लाभ मिलना शुरू हो गया है।’’प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने फैसले के माध्यम से अदालत ने भारत की संप्रभुता और अखंडता को बरकरार रखा है।

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