India News Haryana (इंडिया न्यूज), NEET Paper Leak Controversy : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें कथित नीट पेपर लीक से जुड़े दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित सभी मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली अवकाश पीठ ने एनटीए की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका दायर करने वाले छात्र से जवाब मांगा है। कोर्ट ने एनटीए की तरफ से दायर याचिकाओं पर जिन छात्रों की याचिका अलग-अलग हाईकोर्ट में लंबित है, उनको नोटिस जारी कर भी जवाब मांगा है. अदालत ने कहा है कि एनटीए का जवाब जानना जरूरी है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि जवाब दाखिल किए जाने के बाद अब इस मामले पर अगली सुनवाई 8 जुलाई को की जाएगी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि ये मामला 24 लाख छात्रों के भविष्य से जुड़ा हुआ है। ऐसे में अदालत को इस पर जल्द सुनवाई करनी चाहिए. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि हम इसकी गंभीरता को समझते हैं. वकील ने छात्रों के सुसाइड का भी जिक्र किया. ये सुनकर अदालत ने कहा कि ऐसी भावनात्मक दलील मत रखिए, कानून की प्रक्रिया का पालन करते हुए एनटीए का जवाब देखना जरूरी है।
नीट एग्जाम के कथित पेपर लीक को देश के कई प्रमुख शहरों में प्रदर्शन देखने को मिले हैं। जहां दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों ने पेपर लीक का विरोध किया, वहीं कोलकाता के विकास भवन के बाहर भी प्रदर्शन देखने को मिला. छात्रों के एक ग्रुप ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते हुए ‘चौबीस लाख छात्र परीक्षा चाहते हैं, घोटाला नहीं’ के नारे लगाए। छात्रों का कहना है कि हमने परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है और अब हम अपनी सीट चाहते हैं। नीट का रिजल्ट 4 जून को जारी किया गया था।
वहीं केंद्र सरकार नीट यूजी एग्जाम में हुए पेपर लीक की बात को नकार दिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अभी तक नीट एग्जाम में किसी तरह की कोई गड़बड़ी, भ्रष्टाचार या पेपर लीक होने का ठोस सबूत नहीं मिला है। इससे जुड़े सभी फैक्ट्स सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हैं और अभी विचाराधीन हैं।
भ्रम फैलाने के प्रयास से इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है। इसकी वजह से छात्रों की मानसिक शांति प्रभावित होती है। शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि नीट काउंसलिंग शुरू होने वाली है। इस बीच पेपर लीक को राजनीतिक मुद्दा बनाना अनुचित है। ऐसा करना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के बराबर है। सरकार का ध्यान हमेशा से ही छात्रों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने पर रहा है।
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