प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा रबी की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि किए जाने से विपक्ष के उस दावे की हवा निकल गई है जिसमें किसानों को बहकाया जा रहा था कि केंद्र के कृषि संबंधी तीन अध्यादेशों से एमएसपी को खतरा है। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) व अन्य नामित राज्य एजेंसियां किसानों की फसलों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर पहले की तरह खरीद करेंगी। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आश्वस्त किया है कि किसानों का फसलों की जहां एमएसपी पर खरीद जारी रहेगी, वहीं मंडियों की व्यवस्था भी पहले की भांति बरकरार रहेगी।
डिप्टी सीएम ने रबी की फसलों पर एमएसपी में 50 रूपए से लेकर 300 रूपए प्रति क्विंटल तक बढ़ोतरी किए जाने पर केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि रबी सीजन की बुवाई शुरू होने से पहले ही छह रबी फसलों की एमएसपी की घोषणा सरकार की ओर से की गई है, इससे किसानों को उनके फसल ढांचे के संबंध में ठोस निर्णय लेने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि दलहनों व तिलहनों की एमएसपी इनके उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए बढ़ाई गई है, ताकि खाद्य तेलों व दलहनों के आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके।
उन्होंने बताया कि आगामी रबी सीजन के लिए गेहूं की एमएसपी में 50 रूपए प्रति क्विंटल की वृद्धि उपरांत एमएसपी अब 1975 रूपए प्रति क्विंटल हो गई है। वहीं चने की एमएसपी में 225 रूपए, मसूर की एमएसपी में 300 रूपए, सरसों की एमएसपी में 225 रूपए और जौ की एमएसपी में 75 रूपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। डिप्टी सीएम ने दोहराया कि वे हमेशा किसानों के हितों की पैरवी करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। केंद्र सरकार ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करके दिखा दिया है कि यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी, इसलिए किसानों को कतई घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शुरू होने वाली खरीफ फसलों की खरीद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होगी और प्रदेश के किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसानों की फसल भुगतान के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके अनुसार अब किसान के पास विकल्प होगा कि वे अपनी पेमेंट सरकार से सीधा अपने खाते में लेना चाहेगा या फिर आढ़ती के जरिये। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसान “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर जाकर अपना विकल्प चुन सकता है। इसके अलवा राज्य सरकार ने नए एक्ट के बाद मार्केट और रूरल डेवलपमेंट फीस को दो-दो प्रतिशत से कम करके आधा-आधा प्रतिशत करने की घोषणा की है जो कि पहले चार फीसदी थी उसे घटाकर एक प्रतिशत किया गया है।
खरीफ सीजन की खरीद के बारे में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार ने धान की खरीद को 25 सितम्बर से शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी जिस पर अभी तक केंद्र की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार खरीफ सीजन की खरीद के लिए एक अक्टूबर से पूरी तरह तैयार है और धान, बाजरा, मक्का आदि फसल की खरीद होगी।
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