फरीदाबाद/देवेंद्र कौशिक
बहुचर्चित निकिता हत्याकांड मामले में अदालत का फैसला आ गया है… जिसमें तौसीफ और रेहान दोषी करार पाया गया और अजरू को बरी किया गया है… वहीं दूसरी तरफ बता दें निकिता के पिता मूलचंद तोमर का कहना है… आरोपियों को फांसी से कम की सजा न दी जाए…उनका कहना है शादी के लिए दबाव बनाया गया और मामला पूरी तरह से लव जिहाद का है… उन्हें अदालत से उम्मीद है कि फांसी की सजा सजा सुनाई जाएगी…लेकिन ये तो अदालत के फैसले के बाद ही तय होगा कि मुजरिमों को क्या सजा दी जाएगी।
निकिता हत्याकांड मामले में फैसले का पूरे प्रदेश को इंतजार था जो कि अब आ गया है… बता दें फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज सरताज बासवाना ने आर्डर लिखवाना शुरू किया था, मुख्य आरोपी तौसीफ, रेहान और अजरू को फैसले के समय अदालत में पेश किया गया था… अदालत में मौजूद तीनों आरोपियों को कस्टडी रूम में रखा गया…साथ ही माहौल बिगड़ने न पाए इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे….बता दें निकिता हत्याकांड़ के आरोपियों में से तौसीफ और रेहान को दोषी करार पाया गया है…वहीं तीसरा मुल्जिम अजरू जिसे अदालत ने बरी कर दिया है….फास्ट ट्रैक कोर्ट दोषियों को 26 मार्च को सजा सुनाएगी।
निकिता हत्याकांड में कब क्या हुआ?
26 अक्टूबर 2020 को निकिता को तौसीफ ने गोली मारी
27 अक्टूबर पुलिस ने तौसीफ को उसके गांव से गिरफ्तार किया
बाकी दो आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी हुई
गृहमंत्री अनिल विज ने जांच के लिए बनाई SIT
SIT ने सबूत जुटाकर 11 दिन में पेश की 700 पेज की चार्जशीट
फास्ट ट्रैक कोर्ट में 3 महीने 22 दिन चली मामले की सुनवाई
एडिशनल सेशन जज सरताज बासवाना की कोर्ट में हुई सुनवाई
निकिता के वकील ने कोर्ट में पेश किये 57 गवाह
आरोपी पक्ष की तरफ से दो गवाहों की पेशी हुई
1 दिसंबर को निकिता के चचेरे भाई और सहेली की गवाही
23 मार्च को दोनों पक्षों की तरफ से दलीलें पूरी हुईं
24 मार्च को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने तौसीफ और रेहान को दोषी ठहराया, अजरू को बरी किया.