पलवल जिले में किसान खजूर की खेती के लिए अग्रसर हो रहे हैं. इसी को देखते हुए बागवानी विभाग ने किसानों को खजूर की खेती करने के लिए 70 प्रतिशत सब्सिडी देने की बात कही है.
जिला बागवानी अधिकारी डा. अब्दुल रज्जाक ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग को पलवल जिले में खजूर की खेती करने के लिए दो हेक्टेयर भूमि का लक्ष्य दिया गया है. जिसके अंर्तगत 312 खजूर के पौधे लगाए जाने हैं. गांव असावट के किसान मोनू भारद्वाज ने 80 पौधे लगाकर खजूर की खेती करनी शुरू कर दी है. उन्होंने खजूर की बरही किस्म खेत पर लगाई है. खजूर के ये पौधे कोयंबटूर से खरीदे गए हैं. उन्होंने बताया कि एक किसान एक हेक्टेयर भूमि में खजूर की खेती करने के लिए बागवानी विभाग से अनुदान प्राप्त कर सकता है. खजूर के पौधे की कीमत 26 सौ रूपए प्रति पौधा निर्धारित की गई है. विभाग की तरफ से खजूर के एक पौधे पर 1950 रूपए का अनुदान दिया जा रहा है. खजूर की फसल पांच साल में तैयार हो जाएगी और एक पौधे पर पचास किलो से ज्यादा प्रति पौधे से खजूर का उत्पादन होगा. खजूर का मार्किट रेट 100 रूपए प्रति किलोग्राम है. खजूर में प्रोटीन और विटामिन की मात्रा भरपूर होती है. ऐसे में मार्किट में खजूर की मांग बढ़ती जा रही. अबतक हम खजूर विदेश से आयात करते थे लेकिन बागवानी विभाग ने खजूर की खेती की ओर किसानों को प्रोत्साहित किया है. जल्द ही लोग अपने ही जिले में पैदा हुई खजूर खाएंगे.
किसान मोनू भारद्वाज ने बताया उन्होंने खजूर के 80 पौधे लगाकर खेती शुरू कर दी है. उन्हें बागवानी विभाग से करीब 156 पौधे और लेने हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने खजूर के जो पौधे लगाए हैं उनमें करीब तीन साल में ही फल आना शुरू हो जाता है. किसान मोनू भारद्वाज ने कहा कि किसान बागवानी की ओर बढें. बागवानी खेती के माध्यम से किसान आर्थिक रूप से मजबूत बन सकते हैं. उन्होंने बताया कि वो 55 एकड़ में बागवानी की खेती करते हैं जो परम्परागत खेती से कहीं ज्यादा फायदेमंद है