इंडिया न्यूज, Chandigarh News: पार्टी लाइन से हटकर पार्षदों ने आज एमसी हाउस की बैठक के दौरान 5जी सेवा के लिए केबल बिछाने के लिए निजी दूरसंचार कंपनियों द्वारा सड़कों की खुदाई का मुद्दा उठाया। अधिकारियों के प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए पार्षदों ने कहा कि केबल बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई तुरंत रोक दी जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे सड़कें टूट रही हैं तय सीमा से अधिक गहरे गड्ढे खोदे जा रहे हैं।
आप पार्षद प्रेम लता ने कहा कि उन्होंने अपने वार्ड में सफाई का काम कराया लेकिन गड्ढे खोदे जाने से उनकी सारी कोशिशें बेकार गईं। भाजपा पार्षद हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि खुदाई के कारण विभिन्न स्थानों पर गड्ढे हो गए हैं और त्योहारों का मौसम चल रहा है यह पैदल चलने वालों और आने-जाने वालों के लिए खतरनाक हो गया है।
एमसी कमिश्नर अनिंदिता मित्रा और मेयर सरबजीत कौर ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस संबंध में दिशा-निर्देश निर्धारित किए हैं और वे इस बारे में कुछ नहीं कर सकते। एमसी प्रमुख ने रोड विंग के अधिकारियों को वार्ड पार्षद के साथ संबंधित क्षेत्र का निरीक्षण कर जांच करने को कहा कि कार्य नियमानुसार हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि सभी गड्ढों को भर दिया जाएगा।
पक्ष के नेता योगेश ढींगरा ने कहा कि उन्होंने तीन महीने पहले यह मुद्दा तब उठाया था जब एक व्यक्ति की वाहन में खराबी से मौत हो गई थी। एमसी ने इस मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया था और अब एक और कार्यकर्ता का भी यही हश्र हुआ था। उन्होंने कहा कि 585 एमसी वाहनों में तकनीकी और यांत्रिक दोष थे जिन्हें अब तक ठीक नहीं किया गया है।
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भाजपा पार्षद सौरभ जोशी ने मांग की कि दोनों पीड़ितों के परिजनों को मौद्रिक मुआवजा और अनुकंपा के आधार पर नौकरी जैसे प्रचलित श्रम कानूनों के अनुसार लाभ दिया जाए। मित्रा ने कहा कि वे आउटसोर्सिंग के माध्यम से दो पीड़ितों में से प्रत्येक के परिवार के सदस्य को नौकरी देंगे। सभी वाहनों का भौतिक और यांत्रिक ऑडिट किया जाएगा।
इस बीच सदन ने स्वच्छता अभियान के तहत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार वार्डों के बीच प्रतियोगिता को मंजूरी दी। प्रस्ताव के अनुसार तीन महीने तक शीर्ष स्थान पर रहने वाले वार्ड में सिविल कार्यों पर 50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
सदन ने एक आधुनिक लकड़ी आधारित श्मशान प्रणाली को मंजूरी दी जो 1.62 करोड़ रुपये की लागत से सेक्टर 25 श्मशान में आएगी। यह एक पर्यावरण के अनुकूल, पारंपरिक भट्टी-प्रकार की श्मशान प्रणाली होगी जिसमें कम मात्रा में लकड़ी की आवश्यकता होगी। प्रचलित प्रथा के अनुसार एक शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लगभग 375 किलोग्राम लकड़ी की आवश्यकता होती है। नई गैर-प्रदूषणकारी व्यवस्था के तहत करीब 100 किलो लकड़ी की ही जरूरत होगी।
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