प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्र-छात्राओं को ‘परीक्षा पे चर्चा’ के माध्यम से सिखाए परीक्षा के गुर.बता दें पीएम मोदी ने किन किन बिंदुओं पर चर्चा कर परीक्षा के बारे में बताया. पीएम ने कहा, उम्मीद है कि परीक्षा की तैयारी अच्छी चल रही होगी. यह पहला वर्चुअली प्रोग्राम है, हम डेढ़ साल से कोरोना के साथ जी रहे हैं।
मुझे आप लोगों से मिलने का लोभ छोड़ना पड़ रहा है. और एक नए फॉर्मेट में आपके बीच आना पड़ रहा है. आपसे न मिलना यह मेरे लिए बहुत बड़ा लॉस है फिर भी परीक्षा तो है ही अच्छा है कि हम इस पर चर्चा करेंगे।
पीएम मोदी ने चर्चा करते हुए कहा आपके उत्साह भरे चेहरे मिस कर रहा हूं.ये चर्चा सिर्फ परीक्षा तक सीमित नहीं है, बच्चे परीक्षा को अवसरों के तौर पर देखें और परीक्षा से डरे नहीं.आप परीक्षा से डरते हैं तो मुझे भी डर लगता है, आप कोई पहली बार परीक्षा थोड़े ही दे रहे हैं, आपको डर परीक्षा का नहीं, आसपास बने माहौल का है, ‘परीक्षा के नतीजों को ही जिंदगी का सच बना दिया गया है’
‘अभिभावकों से पूछना चाहता हूं-ये क्या कर दिया है?’
परीक्षा सिर्फ छोटा सा पड़ाव है..पहले मां-बाप बच्चों के साथ ज्यादा इनवॉल्व होते थे,बच्चों के साथ समय बिताना जरूरी है. ‘मां-बाप व्यस्त हैं, बच्चों के लिए समय नहीं निकाल पाते’ ‘मां-बाप बच्चों के सामर्थ्य का पता रिजल्ट से लगाते हैं’ इसीलिए रिजल्ट ही सबसे बड़ा पैमाना हो गया है.
परीक्षा आखिरी मौका नहीं, लंबी जिंदगी को कसने का मौका है, परीक्षा जीवन का अंतिम सत्य नहीं है. उन्होंने कहा परीक्षाएं जीवन को गढ़ने का अवसर हैं, पसंद-नापसंद मनुष्य का स्वभाव है. पीएम ने कहा कभी भी असहज न हों असहज होने पर 80 फीसदी ऊर्जा बेकार जाती है.
साथ ही सभी विषयों में बराबर ऊर्जा लगाएं. गणित और विज्ञान से डरने की जरूरत नहीं है. हमें सिखाया जाता है कि जो सरल है, वो पहले करो. ‘परीक्षा में भी ऐसा ही होता है, सरल पहले, कठिन बाद में’ मैं इन चीजों को अलग तरीके से देखता हूं. कठिन को पहले करना चाहिए, माइंड फ्रेश रहता है.
जो सरल है, वो तो हमेशा ही सरल होता है.उन्होंने अपन बारे में बताते हुए बच्चों से कहा मैं सुबह की शुरुआत कठिन से कठिन चीजों से करता हूं. हमें खुद से सीखना चाहिए, किसी एक विषय में आपकी पकड़ ज्यादा हो सकती है जैसै लता दीदी संगीत के लिए पूरी दुनिया में जानी जाती है.
मुश्किल लगने वाली पढ़ाई से भागिए मत शिक्षक भी बच्चों से सिलेबस से बाहर जाकर बातें करें. बच्चों को रोकने-टोकने की बजाए उनसे बात करें. प्रोत्साहित करने से बच्चा ज्यादा अच्छा कर सकता है, कभी समूह में, कभी अकेले में बच्चों से बात करें. कठिन कामों की लिस्ट बनाइए, जो आज सहज हो गये.
‘परीक्षा के दौरान खाली समय पर चर्चा करना अच्छी बात है’ ये खाली समय सौभाग्य है, खाली समय अवसर है. आपकी दिनचर्या में खाली समय होना ही चाहिए. खाली समय दो तरह के हो सकते हैं ‘एक-जिसके बारे में सुबह से पता हो, दूसरा-जो पता ना हो’ स्वत: सुखाय से बढ़कर कुछ नहीं है.
खाली समय मिलने पर झूला झूलने का मन करता है ‘खाली समय में झूले पर बैठकर मन प्रफुल्लित हो जाता है’ खाली समय मिलने पर आनंद लें. खाली समय में बेकार चीजों से बचना चाहिए, ‘खाली समय में जिज्ञासा बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए’ खाली समय कुछ नया जानने का भी अवसर है।
India News Haryana (इंडिया न्यूज), HCS-HPS Transferred : विधानसभा चुनाव के बाद बुधवार को हरियाणा सरकार…
कालका में आयोजित धन्यवाद रैली में कालका विधानसभा क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री ने खोला घोषणाओं…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), CM Flying : यमुनानगर में सीएम फ्लाइंग और स्वास्थ्य विभाग की…
1 देसी पिस्टल, 1 देसी पिस्तौल, 4 जिंदा रौंद व 1 वैग्नआर गाड़ी बरामद India…
सदस्य मुकेश गर्ग भी सुनेंगे दलीलें India News Haryana (इंडिया न्यूज), New Electricity Rates : हरियाणा…
जमीन से कब्जा न छोड़ने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के दिए आदेश,…