इंडिया न्यूज, Haryana (corona) बीजिंग। चीन में एक बार फिर वैश्विक महामारी कोविड-19 ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। देश के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में 85 से 95 फीसदी की वृद्धि हो हुई है जिसके कारण पूरा सिस्टम चरमरा गया है। डॉक्टरों व नर्सों की कमी के साथ दवाइयों व आक्सीजन का भी संकट हो गया है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि मरीजों को फर्श पर लेटाकर उपचार किया जा रहा है।
देश में प्रतिदिन कोरोना के कारण सैकड़ों मरीजों की मौत हो रही है। जानकारी के मुताबिक महामारी की वजह से अब तक इतने लोगों की मौतें हो चुकी हैं कि अस्पतालों में शव रखने तक की जगह भी नहीं बची है। कमरों से लेकर अस्पतालों के बाहर तक शवों के अंबार लगे हैं। कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग रहीं हैं। कोरोना जांच केंद्रों पर लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लग रहीं हैं।
विशेषज्ञों ने दावा किया है कि अगले दो से तीन महीने में चीन के 80 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। कोविड के बढ़ते मामलों के चलते चीन की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया है। स्वस्थ लोग घरों से निकलने से डर रहे हैं और बीमार अस्पतालों में मौत से जूझ रहे हैं। चीन सरकार ने इससे पहले कोरोना की रोकथाम के लिए लॉकडाउन भी लगाया था। उधर शंघाई के रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
लोग यहां से दूसरे शहरों का रुख कर रहे हैं। एनबीआर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस साल ठंड में चीन के आठ करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते है। संक्रमण के बढ़ने की रफ्तार सबसे तेज होगी। अभी चीन में एक लाख लोगों के बीच केवल 10 आईसीयू बेड की व्यवस्था है। ऐसे में संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या और बेड की कमी के चलते मरीजों को फर्श पर लिटाया जा रहा है।
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