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Paralympic gold medal winner Sumit Antil का घर पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा किया जाएगा जोरदार स्वागत

• LAST UPDATED : September 3, 2024
  • पैरालंपिक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने जीता पेरिस में गोल्ड मेडल, गांव में ख़ुशी का माहौल
  • सुमित के पास F64 वर्ग में 73.29 मीटर का विश्व रिकॉर्ड भी
  • घर पहुंचने पर किया जाएगा ग्रामीणों द्वारा जोरदार स्वागत

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Paralympic gold medal winner Sumit Antil : पेरिस में आयोजित पैरा ओलंपिक खेलों में सोनीपत के गांव खेवड़ा के होनहार खिलाड़ी सुमित आंतिल ने जैवलिन थ्रो के पुरुष मुकाबलों में स्वर्ण पदक हासिल कर देश और हरियाणा का नाम रोशन किया है अब इस उपलब्धि के बाद उनके घर पर खुशी का माहौल है और सब उनका वापस आने का इंतजार कर रहे हैं परिजन एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर खुशियां मनाई जा रही है ।

इस दौरान उनकी मां और मौसी ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि सुमित ने बहुत अच्छा कर दिखाया है उन्होने एक सड़क दुर्घटना में अपना एक पर खो दिया था लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अब लगातार मेडल जीत कर संपूर्ण हरियाणा और देश को खुशियां दे रहे हैं घर आने पर उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा।

सुमित ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने लगातार दूसरे पैरालंपिक में जीता गोल्ड

देश और प्रदेश के लिए खास बात ये है कि लगातार दूसरी बार सुमित अंतिल ने गोल्ड मेडल जीता है। सुमित ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने लगातार दूसरे पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता है। सुमित अंतिल की पत्नी शीतल भी अपने पति के इस कारनामे पर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि जब सुमित पेरिस गए थे, तो उन्होंने कहा था कि वह गोल्ड लेकर देश लौटेंगे और सुमित ने अपना वो वादा पूरा किया है। शीतल ने बताया मेडल जीतने के बाद सुमित से बात हुई थी। सुमित बहुत खुश थे। गांव और घर परिवार में भी उनके गोल्ड जीतने पर बहुत ज्यादा ख़ुशी है और मिठाई बांटी जा रही है।

Paralympic gold medal winner Sumit Antil … जब काटना पड़ा था एक पैर

सोनीपत में खेवड़ा गांव निवासी सुमित अंतिल 2016 में 12वीं कक्षा में पढ़ रहे थे और करीब 16 साल की उम्र थी। एक दिन वह अपने ट्यूशन क्लास खत्म करके घर वापस लौट रहे थे, कि तभी अचानक एक अज्ञात वाहन ने सुमित को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद डॉक्टरों को उसका एक पैर काटना पड़ा था।

उस वाहन ने न सिर्फ सुमित के पांव को कुचला था, बल्कि उसके सपनों को भी चकनाचूर कर दिया था। लेकिन इस खिलाड़ी ने हार नहीं मानी और अपने बुलंद हौसलों से खुद को इस हादसे के सदमे से बाहर निकाला और आज न केवल ऊंचाइयों को छू रहे हैं, बल्कि देश और प्रदेश के नाम को भी ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।

हादसे के बाद पैरा गेम्स की ओर किया रुख

सुमित ने हादसे के बाद अपना रुख पैरा गेम्स की ओर किया। अब पिछले टोक्यो ओलंपिक में भी सुमित ने जेवलिन थ्रो के एफ 64 इवेंट में गोल्ड मेडल जीता और इस साल भी पैरालंपिक में गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया. विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रगान की गूंज सुनने को मिली और तिरंगा झंडा फहराया गया।

सुमित अंतिल की मां निर्मला देवी ने बताया कि बेटे उपलब्धि पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। गांव में आतिशबाजी और पटाखे फोड़े गए। बेटा जब घर से गया था, तो यह कहकर गया था कि मां गोल्ड मेडल लेकर वापिस लौटूंगा। उसने यह करके दिखा दिया। उन्होंने बताया कि सुमित को चाय बहुत पसंद है और वह भारतीय खाने का बड़ा शौकीन है। देसी खाना खाता है।

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