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Private School Association: एसोसिएशन अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा की प्रेसवार्ता, सरकार से लगाई मदद की गुहार

• LAST UPDATED : April 13, 2021

चंडीगढ़/

प्रदेश में रोजाना कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं प्रशासन और शासन की कड़ी मशक्कत के बाद मामले हैं तो थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, आपको बता दें बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने एक अहम फैसला लिया।

जिसमें सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए गए थे, जिन आदेशों प्राइवेट स्कूल  एसोसिएशन सरकार के खिलाफ सख्त दिखा और स्कूल खोलने का फैसला किया था….इसी बीच प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन हरियाणा के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने प्रेसवार्ता की।

क्या कहा कुलभूषण शर्मा ने अपनी प्रेसवार्ता में

.सरकार ने स्कूलों को पुनः बन्द करने का निर्णय लिया जो कि गलत है, सरकारी कार्यलय समेत बाकी चीजें सब खुली हैं बस स्कूल को बंद करने का फैसला लिया गया।

.बंगाल में चुनाव हो रहे है,  कुंभ की अनुमति दी जा रही है, पॉलिटिकल गेदरिंग की जा रही हैज, पर बस स्कूलों पर प्रतिबंध कहां तक उचित है, क्या स्कूल के बच्चे कोरोना फैलाते है?

.कल से नाइट कर्फ्यू लगाया गया मतलब दिन में सब खुला होगा रात को बंद किया जाएगा, हम पर तो पूर्णतया प्रतिबन्ध लगा दिया गया।

.अच्छे परिवार के अभिभावक ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था कर सकते हैं, पर गरीब के बच्चे का क्या जिसके पास न तो मोबाइल ना ही लेपटॉप है।

.2 लाख करोड़ का पैकेज केंद्र ने दिया पर उसमें से भी प्राइवेट स्कूल्स को कुछ नहीं दिया गया।

.एजुकेशन का कोई ध्यान प्रदेश सरकार नहीं रख रही है।

.अंतिम संस्कार पर भी लिमिट है, गेदरिंग के लिए भी लिमिट तय है, तो स्कूल्स को क्यों 50 फीसदी केपेसिटी के साथ खोलने नहीं दिया जा रहा।

.हम सरकार से विवाद नहीं चाहते,  हमें राजनीति नहीं करनी, पर बात तो करें सीएम को यही कहना चाहते हैं कि एक फोन की दूरी पर हम भी है।

.सरकार अपनी बात समझाए अगर सही लगी तो हम सरकार की बात मानेंगे

Private School Association

.हम सोशल डिस्टेंसिंग मानने को तैयार हैं, जबकि राजनैतिक रैलियों में इसे नहीं माना जा रहा है।

.हम संवाद चाहते हैं, या सरकार हमें समझा दे या हमारी समझ लें।

.शिक्षा के लिए अलग से एस ओ पी निर्धारित कर दें।

.विदेशों में अध्यापकों को कोरोना वॉरियर समझते हुए पहले वैक्सीन लगाई गई, पर यहां अध्यापकों  को कोई पूछ नहीं रहा है।

.प्राइवेट स्कूल इससे बर्बाद नहीं होंगे इससे शिक्षा प्रणाली बर्बाद होगी।

.तेलंगाना सरकार ने प्राइवेट स्कूल के दर्द को समझा

.2000 प्रतिमाह प्राइवेट स्कूल के अध्यापक को और 25 किलो चावल देने का ऐलान किया है।

.हरियाणा सरकार भी प्राइवेट अध्यापकों और बस चालकों को चावल न दे, 3000 रुपए प्रतिमाह आर्थिक सहायता दें।

.खड़ी बसों के पीरियड को काउंट न किया जाए।

.प्रदेश के बच्चों के खाते में 1000 रुपए डायरेक्ट बेनिफिट के तौर पर दिया जाए।

.हम 5 करोड़ लोग हैं अगर सड़कों पर आना पड़ा तो सरकार को संभालना मुश्किल होगा

.हमारा वोट प्रतिशत में भी बहुत योगदान है।

.बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे दिया पर आज महिलाओं की हालत बेहद खराब है।