India News Haryana (इंडिया न्यूज), Food Supplies Department : दिवाली के नजदीक आते ही मिठाई, रसगुल्लों और मावे से बने अन्य खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ जाती है। इसके अलावा तरह तरह की नमकीन और कचरी का कारोबार भी बढ़ जाता है। मिठाइयां तैयार करने में मावे की आवश्यकता होती है। मांग के हिसाब से मावे की आपूर्ति नहीं हो पाती। जिस कारण गांव से शहर तक में भट्टियों पर मिलावटी मावा तैयार कर सप्लाई किया जाता है।
झज्जर जिले में कई जगह मिलावटी मावे का धंधा फल-फूल रहा है। इसी बीच झज्जर में खाद्य आपूर्ति विभाग ने दीपावली के मौके पर मिठाई और दूध की दुकानों पर छापेमारी अभियान चलाया। इस दौरान करीब तीन दर्जन दुकानों पर छापेमारी करते हुए विभाग ने सैम्पलिंग की। अधिकारियों ने बेरी इलाके में आठ दुकानों के सैंपल एकत्र किए, जिन्हें आगे की जांच के लिए लैब भेजा गया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक़, जिले में इस साल अब तक नियमों का उल्लंघन करने वालों से 23 लाख रुपए का जुर्माना वसूला जा चुका है।
सैम्पल फेल होने पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। छापेमारी से दुकानदारों में हड़कंप मच गया, कई दुकानदार तो दुकानें छोड़कर भाग गए। दुकानदारों का कहना है कि छापेमारी और सैम्पलिंग को वे फोबिया के तौर पर देखते हैं। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फूड सेफ्टी एक्ट में केवल एक ही धारा ऐसी है जिसमें सजा का प्रावधान है, और इसका उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
मिलावटी खोवा का जांच घर पर आसानी से किया जा सकता है। त्योहारी सीजन में खास तौर से खोवा की बनी मिठाइयों में मिलावट की संभावना होती है। असली खोवा, मुंह में चिपकता नहीं और कच्चे दूध की तरह टेस्ट आता है। नकली खोवा, मुंह में चिपकता और पानी में डूबकर टूट कर अलग हो जाता है। खोवा दानेदार लगे तो मिलावट के संकेत है।
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