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Young MP Kartik Sharma: युवा सांसद कार्तिक शर्मा ने बजट सत्र के दौरान पूछे जनहित कल्याण के 16 सवाल

• LAST UPDATED : February 13, 2023

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़(Young MP Kartik Sharma asked 16 questions during the budget session): 

  • बजट सेशन के दौरान सदन में एक दर्जन से भी ज्यादा सवाल पूछे और सदन में प्रदेश के युवाओं, किसानों, महिलाओं के मुद्दों को उठाया
  • सदन में हर वर्ग और गंभीर मुद्दों पर की आवाज बुलंद की
  • हरियाणा के साथ साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी स्वीकार्यता बढ़ी

युवा सांसद कार्तिक शर्मा ने पदभार संभालते ही प्रदेश के हर वर्ग की आवाज सदन में उठानी शुरू की, इसी का नतीजा है कि उनकी लोकप्रियता व स्वीकार्यता प्रदेश के लोगों में तो बढ़ी ही है। इस बार बजट सत्र के दौरान उन्‍होंने 16 गंभीर सवाल किए और आम जनता की आवाज उठाई। हेल्थ सेक्टर एक बेहद ही महत्वपूर्ण क्षेत्र है। उन्होंने इसको लेकर प्राइवेट अस्पतालों द्वारा इलाज व दवाओं के मनमाने रेट वसूलने के अलावा लापरवाही के मुद्दे पर भी जनता की आवाज बुलंद की और हर किसी ने बात को बेहद संजीदगी से सुना। उन्होंने विदेशों में पढ़ाई करने वाले छात्रों व उनको दी जाने वाली छात्रवृत्ति व वीजा नियमों में छूट दिए जाने पर भी बात की। चूंकि मामला छात्रों के भविष्य का है इस पर भी चर्चा लाजिमी है।

साथ ही उन्होंने रोजगार मेलों के महत्व व इसके द्वारा युवाओं को दिए जाने वाले रोजगार बारे में जानकारी मांगी। प्राप्त जानकारी में सामने आया कि आने वाली एक साल की अवधि में करीब 10 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने ऑटोमोबाइल सेक्टर में वाहनों के निर्यात को लेकर भी बात रखी। उन्होंने सवाल पूछा था कि पिछले दो साल में हरियाणा ऑटोमोबाइल सेक्टर में निर्यात में यात्री कारों व वाणिज्यिक वाहनों के निर्यात में कितनी बढ़ोतरी हुई है। मामला सीधे तौर पर देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा है इसकी अलग महत्ता है। इसके अलावा कार्तिक शर्मा ने हरियाणा में ढांचागत सुविधाओं के विकास को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने सवाल पूछा था कि अलवर-दिल्ली व पानीपत रेल परियोजना को लेकर फिलहाल क्या स्थिति है। प्राप्त जानकारी में ये सामने आया कि दिल्ली-बहादुरगढ़-बल्लभगढ़-पलवल जो कि आरटीएस कॉरिडोर है भी बेहद महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके अलावा दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक भी बेहद अहम योजना है।

भारतीय विरासत को सहेजने को लेकर भी सदन में बात की

पिछले कुछ समय से ये सवाल निरंतर चर्चा में है कि हमारा शोषण करने वाले विदेशी हमारी धरोहर भी साथ ले गए और इसको वापस लाने को सरकार की क्या भविष्य की योजना है। सांसद कार्तिक शर्मा ने मुद्दे को सदन में सबके सामने रखा है कि विदेशी ताकतों ने लंबे समय तक हमारा शोषण किया है और विदेशों में हमारी सांस्कृतिक को भी ले जाया है। ऐसे में हमारी सरकार इन सांस्कृतिक धरोहर को वापिस देश में लाने के लिए क्या कदम उठा रही है। साथ ही उन्होंने पूछा कि क्या सरकार कोहिनूर को वापिस लाने की योजना बना रही है। इस मुद्दे पर भी उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर सबका ध्यान खींचा।

किसानों व जैविक खेती के मुद्दे पर आवाज बुलंद की

सांसद कार्तिक शर्मा ने जैविक खेती के मुद्दे को भी सदन में उठाया। उन्होंने सवाल पूछा कि जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा क्या क्या कदम उठाए जा रहे हैं। हर कोई इस बात से इत्तेफाक रखते है कि परंपरागत खेती अब फायदे का सौदा नहीं रही है और वक्त की नजाकत को देखते हुए जैविक खेती को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है।

युवाओं के मुद्दे,शिक्षा, जैव ईंधन व पर्यावरण संरक्षण पर की चर्चा

सांसद कार्तिक शर्मा निरंतर कहते रहे हैं कि युवा देश का भविष्य हैं और ऐसे में जरूरी है कि युवाओं को हर संभव सुविधा व आगे बढ़ने के मौके प्रदान किए जाएं। उन्होंने सदन में युवाओं को रोजगार देने व विदेशों में पढ़ाई के लिए जरूरी सुविधाएं प्रदान करने पर बल दिया। साथ ही उन्होने मुद्दा उठाया कि देश में दुनिया के टॉप 100 शिक्षण संस्थानों के क्षेत्रीय परिसर स्थापित करने को लेकर क्या रूपरेखा है। उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण व इस पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर जानकारी मांगी। वर्तमान में पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दाम दुनिया भर में चिंता का विषय है और इनके विकल्प खोजने पर निरंतर काम हो रहा है। कार्तिक शर्मा ने जैविक ईंधन पर भी सदन में अपनी बात रखते हुए जानकारी मांगी।

घरों में स्वच्छ पेयजल, शहरों में ढांचागत विकास को लेकर निवेश का मुद्दा उठाया

सांसद कार्तिक शर्मा ने घरों में स्वच्छ पेयजल, शहरों में ढांचागत विकास को लेकर निवेश का मुद्दा उठाया। उन्होंने दोनों मामलों को लेकर सवाल पूछा कि शहरों की अवसंरचना विकसित करने के लिए निवेश, प्रस्तावित योजना और इसको लेकर सार्वजनिक योजनाओं को लेकर क्या स्टेटस है। इस बारे में लिखित जवाब रखते हुए आवास व शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी की तरफ से जानकारी दी गई कि संबंधित मंत्रालय द्वारा अपने प्रमुख मिशनों व योजनाओं के माध्यम से इस एजेंडे में राज्य या संघ राज्य क्षेत्रों को सुविधा व सहायता प्रदान करता है। अमृत 2.0 के अनुसार 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को अपनी परियोजनाओं का 10 फीसद सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड में लेने का निर्देश दिया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 100 स्मार्ट शहरों में पीपीपी परियोजनाओं को शुरू करने बढ़ावा देता है। वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी 2.0 शहरी अवसंरचना के विकास के लिए सार्वजनिक भागीदारी मोड के लिए विकल्प की खोज को प्रोत्साहित करता है। पीएम आवास योजना के तहत के तहत भी निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इसके अलावा मेट्रो रेल नीति 2017 सार्वजनिक व निजी संशाधनों , विशेषज्ञ व उधमिता दोनों का लाभ उठाने के लिए मेट्रो रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करती है। सांसद कार्तिक शर्मा ने एक और सवाल पूछा था कि सरकार द्वारा हरियाणा समेत देश में घरों में जल की आपूर्ति व इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। साथ ही पूछा कि क्या इसको लेकर सरकार की क्या योजनाएं हैं और क्या सरकार ने मिशन के जरिए महिलाओं के जीवन में बदलाव को लेकर क्या कोई स्टडी करवाई है। इसको लेकर केंद्रीय राज्य जल शक्ति मंत्री प्रहलाद सिंह ने लिखित जवाब में जानकारी दी कि योजना के तहत हर घर में 2024 तक पर्याप्त व गुणवत्तापूर्ण पानी पहुंचाना है। मिशन की घोषणा के समय 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास नल जल और कनेक्शन होने की सूचना दी गई है।

इसके अलावा 7.88 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन होने की सूचना दी गई। इसके अलावा हरियाणा में राज्य के सभी 30.41 ग्रामीण परिवारों के पास नल जल सुविधा आपूर्ति है। इसके अलावा जेजेएम के तहत राज्यों को सलाह दी गई है कि वो सतही जल को संरक्षित करने के लिए योजना बनाएं। इसके अलावा पेयजल स्रोत के नमूने लेने और परीक्षण करने और अन्य जरूरी पहलुओं को लेकर पोर्टल भी बनाया गया है। फिलहाल देश में अलग अलग स्तर पर 2076 पेयजल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं है। राज्यों या संघ राज्य क्षेत्रों का सलाह दी गई है कि वे प्रत्येक गांव से 5 व्यक्तियों अधिमानत महिलाओं की पहचान करें और उन्हें प्रशिक्षित करें। अब तक 18.18 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

इनक्यूबेशन सेंटर और जैव ईंधन बिक्री वाले पेट्रोल पंप का मामला उठाया

सांसद कार्तिक शर्मा ने सदन में सवाल पूछा कि पिछले 3 सालों में कितने इनक्यूबेशन सेंटर बनाए गए और जैव ईंधन बेचने वाले पेट्रोल पंपों की संख्या कितनी है। इनकी संख्या में कितना इजाफा हुआ या फिर बढ़ाने की प्लानिंग है। इंक्यूबेशन सेंटर संबंधी सवाल बारे सूक्ष्म, लघु और उधम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने लिखित जवाब में कहा कि नीति आयोग अटल इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा मुहैया करवाई गई जानकारी के अनुसार केंद्रों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। साल 2018 से लेकर 2022 तक इनकी संख्या 13 से बढ़कर 69 हो गई है। इस लिहाज से 5 साल इनकी संख्या में 5 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके अलावा मंत्रालय नवीन विचारों को मूर्त रूप देने के लिए मार्च 2022 में शुरू की गई एमएसएमई चैंपियंस योजना के अंतर्गत एमएसएमई नव परिवर्तन योजना का क्रियान्वयन कर रहा है।

स्कीम की शुरुआत से ही इनक्यूबेशन घटक के अंतर्गत व्यवसाय इनक्यूबेटर के रूप में कार्य करने के लिए 632 मेजबान संस्थानों को मान्यता दी गई है। आगे लिखित जवाब में बताया गया कि पिछले 5 वर्षों में देशभर में 56 इनक्यूबेशन केंद्र और 14 अटल कम्युनिटी समुदाय नव परिवर्तन केंद्र स्थापित किए हैं। नियमानुसार प्रत्येक इनक्यूबेशन केंद्र को 5-6 टीम सदस्यों के साथ संचालन करना अनिवार्य है ताकि स्टार्टअप को मार्गदर्शन देने के लिए क्षेत्रीय विशेषज्ञों की उपलब्धता के साथ-साथ उचित वास्तविक जनसंरचना के साथ स्टार्टअप की सहायता की जा सके। नीति आयोग द्वारा प्रदान की गई सूचना के अनुसार शुरुआत के बाद से ही 69 एआईसी द्वारा 3052 स्टार्टअप को इनक्यूबेट किया गया है। इनमें से 954 महिलाओं के नेतृत्व वाले हैं। स्टार्ट अप ने देश भर में 15506 नई नौकरियां सृजित की हैं।

इसके अलावा उन्होंने एक और सवाल सदन में पूछा था कि हरियाणा में जैव ईंधन बेचने वाले पेट्रोल पंप की संख्या कितनी है और क्या भविष्य में इसमें इजाफा करने की कोई प्लानिंग है। इसके अलावा उन्होंने सवाल में एड किया कि देश में जेट्रोफा फसल के वर्तमान की कुल मात्रा कितनी है और इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए क्या क्या कदम उठाए जा रहे हैं। सवाल के लिखित जवाब में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने जानकारी दी कि जैव ईंधन नवीकरणीय संसाधनों से उत्पादित ईंधन हैं। इनका प्रयोग परिवहन, स्टेशनरी, पोर्टेबल व अन्य काम के लिए डीजल, पेट्रोल व अन्य जीवाश्म ईंधन के स्थान पर या फिर इन्हें मिश्रित कर किया जाता है।

हरियाणा में वर्तमान में तीन खुदरा बिक्री केंद्र जैव ईंधनों (संपीड़ित जैव गैस) की बिक्री करते हैं। देश भर में ऐसे केंद्रों को बढ़ावा देने के लिए सरकार 8 नवंबर 2019 को परिवहन ईंधनों के विपणनों हेतु प्राधिकार प्रदान करने संबंधी दिशानिर्देशों को संशोधित किया है। वहीं एक सवाल के लिखित जवाब में बताया गया कि सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अनुमानों के अनुसार भारत वृक्ष जनित तिलहन जिसमें जेट्रोफा शामिल है, से जीव डीजल के विनिर्माण सहित औधोगिक उपयोगों के लिए 11,15 लाख टन गैर खाद्य तेल का उत्पादन करता है। वनस्पति तेलों, तिलहनों का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाकर और जट्रोफा सहित तेल पाम और टीबीओज का क्षेत्र बढ़ाकर खाद्य तेलों का आयात कम करने के उद्देश्य से साल 2018-19 से सरकार द्वारा केंद्रीय स्तर प्रायोजित योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना मिशन-तिलहन और तेल पाम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके अलावा जेट्रोफा सहित गैर खाद्य तिलहनों के पौधारोपण हेतु बंजर भूमि का उपयोग करने के लिए ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित किया गया है। साथ ही बताया गया कि जेट्रोफा को गैर खाद्य तिलहन के रूप में रखा गया है। यह जैव डीजल के उत्पादन हेतु संभावित घरेलू कच्चा माल है।

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