India News Haryana (इंडिया न्यूज), Bhupinder Singh Hooda: हरियाणा में पराली जलाने के मामले में सरकार ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। हाल ही में 12 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और 42 चालान किए गए हैं। इसके साथ ही 336 किसानों की रेड एंट्री की गई है, जिसके चलते ये किसान अगले दो सीज़न तक “मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” पोर्टल के माध्यम से अपनी फसल मंडियों में नहीं बेच सकेंगे।
हालांकि, सरकार की इस कड़ी कार्रवाई के बावजूद पराली जलाने की समस्या लगातार बनी हुई है। जीटी रोड के किनारे करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, कैथल और सिरसा जैसे जिलों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “सवाल यह है कि छोटे किसान पराली का क्या करें?” उन्होंने किसानों की फसल न खरीदने को गलत करार देते हुए कहा कि इसका ठोस समाधान निकाला जाना चाहिए।
हुड्डा ने पराली के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग की, ताकि किसानों को अपनी फसल का सही मुआवजा मिल सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पराली का सही इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे बिजली उत्पन्न की जा सकती है और कई अन्य उपयोगों में लाया जा सकता है।
ऐसे में सरकार को पराली प्रबंधन के लिए ठोस योजनाएं बनानी चाहिए, जिससे किसानों को राहत मिले और पर्यावरण पर इसके नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके। इस तरह की पहलों से न केवल किसानों की समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी।