India News Haryana (इंडिया न्यूज), Kuldeep Bishnoi: हरियाणा बीजेपी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने हाल ही में संरक्षक पद से हटा दिया है। महासभा ने यह कदम समाज में उनके परिवार द्वारा किए गए अंतरजातीय विवाह के कारण उठाया है, जिससे बिश्नोई समाज में रोष फैल गया था। महासभा का कहना है कि इस विवाह के कारण समाज में असंतोष बढ़ा है, और इसलिए कुलदीप बिश्नोई को अब संरक्षक पद पर बनाए रखना संभव नहीं है।
इससे पहले, कुलदीप बिश्नोई ने महासभा के संरक्षक रहते हुए देवेंद्र बूड़िया को प्रधान पद से हटाने का आदेश जारी किया था। उन्होंने परसराम बिश्नोई को नया प्रधान नियुक्त किया था, लेकिन देवेंद्र बूड़िया ने इस कदम को चुनौती दी। उनका कहना था कि अब संरक्षक के पास प्रधान को हटाने का अधिकार नहीं रहा, इसलिए कुलदीप बिश्नोई का आदेश कोई प्रभावी नहीं है।
देवेंद्र बूड़िया ने जोधपुर में बिश्नोई समाज के सामने आरोप लगाया था कि कुलदीप बिश्नोई ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने बेटे के प्रचार-प्रसार के लिए 10 करोड़ रुपये का चंदा एकत्रित किया और विधायक रणधीर पनिहार के माध्यम से अपहरण की साजिश रची। कुलदीप बिश्नोई ने अपनी ओर से जारी पत्र में लिखा था कि महासभा ने समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से काम किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई पदाधिकारी समाज को नुकसान पहुंचाता है या अनुशासनहीनता करता है, तो उसे पद से हटा दिया जा सकता है। इसी आधार पर उन्होंने देवेंद्र बूड़िया को प्रधान पद से हटाने का निर्णय लिया था। अब कुलदीप बिश्नोई को महासभा के संरक्षक पद से हटाए जाने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या बिश्नोई समाज में चल रहे विवादों का कोई समाधान निकलेगा।