India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Politics: हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने अपने संगठन को भंग कर दिया है। पार्टी अब एक नई दिशा में काम करने के लिए तैयार है, और इसके तहत पार्टी नेता अब किसानों और जनता के बीच जाएंगे।
शनिवार को हुई राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी की बैठक में चार प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें विधानसभा के लिए जमीन के बदले जमीन देने का विरोध, कानून व्यवस्था, पराली जलाने और डेंगू के बढ़ते मामलों पर चर्चा की गई।
इनेलो के प्रमुख नेता अभय चौटाला ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी 15 से 20 सीटें जीतने का अनुमान लगा रही थी, लेकिन चुनाव के आखिरी दो दिनों में अचानक परिणाम बदल गए। अब पार्टी संगठन में नए चेहरों को शामिल किया जाएगा और चार साल में एक बार पदों का पुनर्गठन किया जाएगा ताकि नये लोग पार्टी से जुड़ सकें।
अभय चौटाला ने यह भी स्पष्ट किया कि चंडीगढ़ हरियाणा का हिस्सा है और इसे किसी भी कीमत पर पंजाब को नहीं सौंपा जाएगा। साथ ही, उन्होंने किसानों पर हो रहे लाठीचार्ज, पराली जलाने को लेकर सरकार की नीतियों और डीएपी की किल्लत पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि सरकार को किसानों के बजाय उद्योगों और वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण लगाना चाहिए। इनेलो के नेतृत्व में इस बदलाव के साथ पार्टी का ध्यान अब किसानों, आम जनता और हरियाणा के हितों पर केंद्रित होगा।