India News Haryana (इंडिया न्यूज), Rahul Gandhi: हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव का निर्णय लिया है। पहले जहां पार्टी के नेता ईवीएम पर सवाल उठा रहे थे, अब उनका फोकस आंतरिक समस्याओं की पहचान और समाधान पर है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को हुई समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट किया कि जब तक ईवीएम में किसी प्रकार की गड़बड़ी के ठोस सबूत नहीं मिलते, तब तक वे इस मुद्दे को नहीं उठाएंगे। इस बैठक में कांग्रेस ने एक तकनीकी टीम का गठन किया है, जो ईवीएम और मतदान से संबंधित शिकायतों की जांच करेगी।
पार्टी का मानना है कि चुनावी नाकामी के पीछे आंतरिक कमियों का भी बड़ा हाथ हो सकता है, जैसे कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच तनाव, जिसने चुनाव प्रचार को प्रभावित किया। राहुल गांधी ने पार्टी के नेताओं से आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होकर काम करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि पार्टी का हित सर्वोपरि होना चाहिए। हालांकि, इस महत्वपूर्ण बैठक में कुछ प्रमुख नेता, जैसे हुड्डा और कुमारी सैलजा, शामिल नहीं हुए, जो आंतरिक मुद्दों को दर्शाता है।
कांग्रेस ने सभी उम्मीदवारों से रिपोर्ट मांगी है ताकि हार के कारणों का विश्लेषण किया जा सके। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी धीमी मतगणना और ईवीएम को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इस बदलाव के जरिए कांग्रेस अपनी संगठनात्मक कमजोरी को पहचानकर उसे सुधारने की कोशिश कर रही है, ताकि भविष्य में चुनावी सफलता हासिल की जा सके।