India News Haryana (इंडिया न्यूज), Ram Rahim: गुरमीत सिंह की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत डेरे की वाइस चेयरपर्सन हैं, और उनका प्रबंधन ढांचा चुनावी समर्थन का निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हाल ही में, सिरसा में हुई नाम चर्चा में, जिसमें प्रदेश की 85 सदस्यीय प्रबंधन कमेटी शामिल थी, कोई स्पष्ट संदेश या चुनावी समर्थन का निर्णय नहीं लिया गया। यह नाम चर्चा केवल भजन और सिमरन के लिए समर्पित रही, जिसमें भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी भी शामिल हुए थे। प्रबंधन कमेटी का निर्णय जिला स्तर पर 25 सदस्यीय कमेटी और फिर ब्लाक स्तर पर 15 सदस्यीय कमेटी के माध्यम से गांवों में भेजा जाता है।
यह प्रक्रिया डेरा प्रेमियों तक पहुंचने में सहायता करती है। नाम चर्चा के बाद, प्रेमियों ने चर्चा की कि डेरे ने चुनाव को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हैं। गुरमीत सिंह की जेल से पैरोल पर बाहर आने के बाद, डेरा प्रेमी चार अक्टूबर की रात का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जब संभावित रूप से कोई नया संदेश आ सकता है।
पिछले साल, डेरा ने अपनी राजनीतिक विंग को भंग कर दिया था, और इसके बाद से वे किसी भी पार्टी को समर्थन देने के मामले में सतर्कता बरत रहे हैं। डेरा का संदेश भेजने का तरीका आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करता है, जिसमें व्हाट्सएप और मोबाइल कॉल्स शामिल हैं। यह सुनिश्चित करता है कि यदि किसी प्रेमी को कोई संदेह हो, तो उन्हें उपयुक्त जानकारी मिल सके। कुल मिलाकर, डेरे का चुनावी समर्थन अब भी अनिश्चितता के बादल में लिपटा हुआ है।