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पिछले कई दिनों से हो रही बारिश की वजह से किसानो की फसल हुई खराब किसानों ने अपनी फसल का फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाया हुआ था। लेकिन उनको इसका लाभ नहीं मिल रहा इस पर किसानों के साथ सरकार ने भी करोड़ों रुपए कंपनियों को दिए हुए हैं। मगर कंपनियां बीमा देने में आनाकानी कर रही हैं उनका कहना है कि धान में जलभराव का क्लेम नहीं है, वहीं कृषि अधिकारी कह रहे हैं कि हमने अपने स्तर पर किसानों की फसल का जायजा लिया है और ले भी रहे हैं। मगर बीमा कंपनियां जलभराव का विमान नहीं दे रहे उन्होंने अबकी बार पता नहीं यह क्या कर दिया है। उनके जो फोल्डर आए हैं उनमें भी यह लिखा हुआ है।
मानसून की तगड़ी बरसात होने के कारण किसानों की हजारों एकड़ फसलों में जलभराव होने से फसलें तबाही के कगार पर है। किसानों को पानी के वजह से तबाह हुई फसलों का बीमा ना मिलने के कारण किसानों में जबरदस्त आक्रोश हैरानी की बात है की आग और पानी की वजह से किसानों को फसलों की बर्बादी होने पर भी फसल बीमा का लाभ नहीं मिलेगा बीमा कंपनियों द्वारा किए गए नए प्रावधानों के तहत किसानों को फसलें तबाह होने के बाद भी बीमा लाभ ना मिलने से फसल बीमा कराना घाटे का सौदा नजर आने लगा, पिछले कई दिनों से चल रही भारी बरसात के कारण किसानों की फसलें पानी में डूब गई है। अत्यधिक पानी फसलों में खड़ा हो जाने के कारण फसलें तबाह हो रहे हैं। किसानों ने मांग की है कि बीमा कंपनियों से फसल बीमा के नाम पर किसानों से ली गई राशि ना केवल वापस लौट आए बल्कि बीमा कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस भी दर्ज करें।
उधर कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है। बरसात के कारण फसलों में पानी भरा हुआ है और खराब होने के कगार पर पहुंच चुके हैं,क्योंकि पानी 1 हफ्ते से ज्यादा खेतों में खड़ा हो गया है। वही उन्होंने कहा की फसलों का फसल बीमा लाभ किसान नहीं उठा पाएंगे क्योंकि पानी और आग लगने से किसानों को फसल बीमा मुआवजा राशि नए मिल पाने का प्रावधान है। ऐसे में किसान भी फसल बीमा योजना से मुंह मोड़ने लगे हैं कृषि अधिकारियों का कहना है कि अधिक बरसात से किसानों पर आए संकट को देखते हुए फसल बीमा में पानी और आग से फसलों के तबाह होने पर उन्हें मुआवजा देने की व्यवस्था में शामिल किया जाना चाहिए कृषि अधिकारी रवि राणा ने कहा कि हमारे एरिया में काफी पानी फसल डूब पड़ी है।
धान के साथ-साथ मक्के की फसल सब्जियों की फसल और चारे की फसल में भी नुकसान है। रिलायंस बीमा कंपनी ने किसानों का बीमा किया है। मगर उसके जो वाउचर हैं, जो फोल्डर उन्होंने बनाए हुए हैं। उनके ऊपर ही लिखा हुआ है कि जलभराव से धान की फसल का कोई भी किसी तरह का क्लेम उनको नहीं मिलेगा इससे किसानों को और भी परेशानी बढ़ गई है, पर हम अपने लेवल पर पूरी फसल का जायजा ले रहे हैं और रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। जो भी सरकार के आदेश होंगे उसी के हिसाब से आगे की व्यवस्था की जाएगी।