इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (America Bank Crisis) : अमेरिका में बैंकिंग सेक्टर लगातार दवाब में है। एक के बाद एक दो बड़े बैंक बंद हो चुके हैं वहीं तीसरे बड़े बैंक पर भी काफी ज्यादा दवाब देखने को मिल रहा है। इस सबका असर अमेरिका में म्यूचल फंडों व अन्य वित्तीय सेक्टर में भी दिखाई दे रहा है।
म्यूचुअल फंडों में छह फीसदी तक की गिरावट हुई। अमेरिकी बैंक क्राइसिस से यूरोप समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में कमजोरी आई है। इसका आसर भारत में भी देखने को मिला है और बैंकिंग क्षेत्र को लेकर निवेशकों की भावनाएं कमजोर हुईं। ऐसे में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान बैंकिंग शेयरों में 3-13 प्रतिशत की गिरावट आई।
हालांकि बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र पर इसका सीधा असर मामूली सा है। बैंक शेयरों में लगातार बिकवाली के चलते इस क्षेत्र के म्युचुअल फंडों में भी गिरावट हुई। एसीई एमएफ एनएक्सटी द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार बैंकिंग क्षेत्र के 16 म्यूचुअल फंडों में सभी ने 17 मार्च को समाप्त सप्ताह में निवेशकों को 1.6 प्रतिशत से छह प्रतिशत के बीच नकारात्मक प्रतिफल दिया है। आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल अब तक इन फंडों ने आठ फीसदी से लेकर 10 फीसदी तक का नकारात्मक प्रतिफल दिया है।
बीते सप्ताह जिन फंडों में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, उनमें आदित्य बिड़ला सन लाइफ बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड, टाटा बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड, एचडीएफसी बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड, एलआईसी एमएफ बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड और निप्पॉन इंडिया बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड शामिल हैं।
एफवाईईआरएस के शोध प्रमुख गोपाल कवलीरेड्डी ने कहा कि बाजार में जारी उतार-चढ़ाव और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका के कारण इन फंडों में गिरावट हुई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) कई बैंकों और वित्तीय क्षेत्र की संस्थाओं में अपनी निवेश होल्डिंग को कम करने के लिए बिकवाली कर रहे हैं।