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Air Quality Level: राज्य में AQI लेवल बिगड़ा, वायु गुणवत्ता सुधार के लिए सख्त निर्देश जारी

• LAST UPDATED : October 22, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Air Quality Level: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) ने डीजल जनरेटर (डीजी) सेटों के उपयोग पर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने इन नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य किया है। डीजल जनरेटर का उपयोग करने वालों को इन दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा, अन्यथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कानूनी कार्रवाई कर सकता है।

एडीसी ने वायु प्रदुषण को लेकर बताया

सोमवार को लघु सचिवालय में अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) यश जालुका की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें सीएक्यूएम के दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन, पर्यावरण क्षतिपूर्ति निधि के उपयोग, और निर्माण गतिविधियों के लिए डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण की अनिवार्यता पर चर्चा की गई। एडीसी ने बताया कि वायु प्रदूषण बच्चों और बुजुर्गों पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है। इसके अलावा, 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश भी दिया गया।

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एडीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण से उत्पन्न मलबे का सही तरीके से निपटान किया जाए और धूल को नियंत्रित करने के लिए सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव किया जाए। निर्माण सामग्री को ढककर रखने और परिवहन के दौरान इसे सुरक्षित रूप से कवर करने के भी आदेश दिए गए। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) और पुलिस को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे पुरानी गाड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

प्रदुषण कम करने के उपाय 

एंटी स्मॉग गन के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया, साथ ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) का पालन करने को कहा गया। एडीसी ने सुझाव दिया कि डीजी सेटों के स्थान पर गैस आधारित या लिथियम-आयन परियोजनाओं का उपयोग किया जाए। इसके अतिरिक्त, एनसीआर में 500 वर्ग मीटर या उससे बड़े निर्माण और विखंडन परियोजनाओं के लिए डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।

इस प्रणाली के माध्यम से एजेंसियां धूल प्रदूषण की निगरानी कर सकती हैं और नियमित रूप से रिपोर्ट अपलोड कर सकती हैं। 5000 वर्ग मीटर या उससे बड़े परियोजना स्थलों के लिए एंटी स्मॉग गन की स्थापना भी अनिवार्य है। सर्दियों में, रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशनों (आरडब्ल्यूए) को सुरक्षा कर्मियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक हीटर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि वे कचरा जलाने से बच सकें।

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