India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Government: हरियाणा में दिवाली के बाद भी वायु प्रदूषण की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। देशभर में 70 शहरों का एक्यूआई 200 से 300 के बीच है, जिसमें हरियाणा के 11 शहर भी शामिल हैं। राज्य के कई शहरों में पराली जलाने और पटाखों की वजह से हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है। खासतौर पर जींद, करनाल, सोनीपत और अंबाला में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
जींद का एक्यूआई 337 और करनाल का 303 रिकॉर्ड किया गया, जो बेहद खराब स्तर पर हैं। सोनीपत का एक्यूआई 298 तक पहुंच गया है। इससे पहले एक नवंबर को अंबाला 367 के साथ देश का सबसे प्रदूषित शहर था। हालांकि अगले 24 घंटों में अंबाला में थोड़ी राहत मिली और उसका एक्यूआई गिरकर 168 पर आ गया। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में हवा की गति धीमी होने और तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ सकता है।
हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण के कारणों में पराली जलाना, पटाखों का धुआं और बढ़ता ट्रैफिक शामिल है। पीजीआई के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. रविंद्र खैवाल के अनुसार, हवा की धीमी गति और ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण में वृद्धि होने की संभावना है। वहीं, पराली जलाने के मामलों में भी कोई कमी नहीं आई है। 31 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच हरियाणा में पराली जलाने के 96 मामले दर्ज हुए, जबकि पंजाब में इन दिनों में 1450 मामले सामने आए हैं।
पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से भी हरियाणा में प्रदूषण का स्तर प्रभावित हो रहा है। हरियाणा सरकार ने किसानों से पराली नहीं जलाने की अपील की है और इसके लिए प्रोत्साहन के तौर पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ देने का वादा किया है। किसान 30 नवंबर तक इस योजना का लाभ लेने के लिए विभागीय पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।