डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), Haryana School Bus Accident : हरियाणा के महेंद्रगढ़ में प्राइवेट स्कूल बस हादसे में बच्चों की मौत हो जाने के मामले के बाद सरकार अनियमितता बरतने वाले स्कूलों पर लगातार शिकंजा कस रही है। सरकार द्वारा लगातार प्राइवेट स्कूल बसों के डॉक्यूमेंट्स और ड्राइवरों के लाइसेंस चेक किए जा रहे हैं, लेकिन प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सख्त कार्रवाई के खिलाफ अब बचाव की मुद्रा में आ गई है।
गौरतलब है कि जिस बस का एक्सीडेंट हुआ था, उसके ड्राइवर ने शराब पी रखी थी। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के स्टेट प्रेसीडेंट कुलभूषण का कहना है कि अगर ड्राइवर ने शराब पी रखी थी तो हरियाणा सरकार को गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी कर देनी चाहिए। इसके अलावा आम तौर पर प्राइवेट स्कूलों द्वारा छुट्टी के दिन स्कूल खोलने के मामले पर भी एसोसिएशन कोई पुख्ता जवाब नहीं दे पाई। बता दें कि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सोमवार को इसके द्वारा आयोजित की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्कूल बस हादसे को लेकर पूछे गए ज्यादातर सवालों से बचते हुए नजर आई।
स्कूल बस हादसे के बाद सरकार लगातार प्राइवेट स्कूल संचालकों पर शिकंजा कस रही है जिसके चलते प्राइवेट स्कूल अब तिलमिला गए हैं। एक तरफ जहां प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन कह रही है कि सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई से आपत्ति नहीं है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा निरंतर की जा रही कार्रवाई से प्राइवेट स्कूल टेंशन में नजर आ रहे हैं।
सभी जिलों में संबंधित अधिकारियों ने प्राइवेट बसों की चैकिंग का काम तेज कर दिया है। ये निरंतर सामने आ रहा है कि हरियाणा में ज्यादातर प्राइवेट स्कूल बसों के दस्तावेज ही पूरे नहीं हैं। इसके अलावा ये भी सामने आ रहा है कि बस चला काफी ड्राइवरों के पास जरुरी हैवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं हैं।
बात-बात पर सरकार पर उनके करोड़ों रुपए बकाया होने और हर बार इसका हवाला देनी वाली प्राइवेट स्कूल एसोसिशन ने स्कूल बस हादसे में जान गंवाने वाले स्कूलों के बच्चों की आर्थिक मदद के मामले पर अपनी चुप्पी साध ली। एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा से बार-बार सवाल पूछा गया कि हादसे में जाने गंवाने वाले बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने क्या किया तो उनके पास कोई जवाब नहीं था।
उनका कहना था कि इस बारे में तो अभी हमारी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कोई फैसला नहीं किया। बिना एसोसिएशन से पूछे वो इस पर कोई फैसला नहीं कर सकते। ऐसे में सवाल है जब हर छोटे से छोटे मुद्दे पर वो एसोसिएशन की नुमाइंदगी करते हैं, लेकिन 6 स्कूलों बच्चों की हादसे में मौत के बाद उनका किसी भी तरह की सहायता को लेकर जवाब नहीं था।
पूरे मामले में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने स्कूल हादसे पर अपनी कमियों पर बेशक चुप्पी साध ली तो वहीं सरकार को भी घेरने की कोशिश की। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने मामले को लेकर कहा कि सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों की बसों का इस्तेमाल राजनीतिक रैलियों के लिए किया जाता है। बताया गया कि सरकार द्वारा रैलियों में प्राइवेट स्कूलों की बस ले जाने के लिए स्कूलों पर दबाव बनाया जाता है।
इसको लेकर जब प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण से सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि रैलियों में जबरन सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों की बसों को ले जाया जा रहा है। आगे कहा कि पिछली सरकार तो रैलियों में बस ले जाने के लिए तेल के पैसे भी दे देती थी लेकिन फिलहाल रैली में बस ले जाने के लिए सरकार द्वारा तेल के पैसे भी नहीं दिए जा रहे। एक सवाल के जवाब में कहा कि 14 अप्रैल को फरीदाबाद रैली में सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों की 436 बसों को निशुल्क ले जाया गया।
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