डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), Clash on Bhiwani-Mahendragarh and Gurugram Seats : भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा जारी सत्र के अनुसार हरियाणा में छठे चरण में 25 मई को चुनाव होने हैं और एक महीने का ही समय रह जाने के चलते सभी सियासी दल चुनाव जीतने के लिए पूरा दमखम व ताकत झोंक रहे हैं।
भाजपा द्वारा सभी 10 सीटों पर लोकसभा उम्मीदवार तो उतार दिए गए हैं, लेकिन कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलेजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी (एसआरके) खेमे में जारी घमासान और मतभेदों के चलते पार्टी हाईकमान टिकटों की घोषणा नहीं कर पा रही है।
स्थिति ये है कि कई दौर की मीटिंग के बाद कांग्रेस लोकसभा उम्मीदवार फाइनल करने को लेकर कुछ नहीं कर पाई। इसी कड़ी में कई सीटों पर टिकट के दावेदारों द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट के बाद राजनीतिक गलियारों में जमकर हलचल मच गई है। गुरुग्राम से टिकट दावेदार कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव और भिवानी महेंद्रगढ़ से दावेदार श्रुति चौधरी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट के जरिए जारी कलह को हवा दे दी है।
भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट की दावेदार और कांग्रेस की स्टेट कार्यकारी अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर 24 अप्रैल को लिखा कि -‘आपके कीबोर्ड में S और F के बीच में है वो, जिनकी इस लोकसभा भिवानी-महेंद्रगढ़ से हार होने वाली है।’ S और F के बीच में D आता है। अब इसके राजनीतिक मायने सबके द्वारा अलग-अलग अंदाज से निकाले जा रहे हैं।
डी से तात्पर्य यहां भाजपा के भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से दावेदार धर्मबीर भी तो वहीं डी का मतलब यहां इसी सीट से हुड्डा के करीबी दान सिंह का नाम भी माना जा रहा है। वो भी टिकट के कड़े दावेदार माने जा रहे हैं। ऐसे में अब सियासी जानकार यह कह रहे हैं कि श्रुति एक तीर से दो निशाने लगा रही है। हालांकि बात में श्रुति अपनी पोस्ट में डी का मतलब धर्मबीर लिखा।
ये बता दें कि हुड्डा खेमा भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से श्रुति की टिकट का यह कहते हुए विरोध कर रहा है कि वो पिछली बार हार गई और मजबूत कैंडिडेट नहीं हैं। ये बता दें कि हाल ही में टिकट को लेकर पेंच फंसने के दौरान तोशाम से विधायक किरण चौधरी भी दिल्ली पहुंची थी, जहां उन्होंने सोनिया गांधी से श्रुति की टिकट को लेकर चर्चा की थी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पार्टी हाईकमान से टिकट को लेकर उनको कोई खास आश्वासन नहीं मिला।
गुरुग्राम से टिकट दावेदार कैप्टन अजय के बेटे चिरंजीव राव ने सोशल मीडिया पर श्रुति चौधरी की तरह ही पोस्ट करते हुए लिखा कि आपके कीबोर्ड में U और O के बीच में है वो, जिनकी इस लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम से हार होने वाली है। इन दोनों के बीच की बोर्ड में आई आता है और इसका मतलब गुरुग्राम से भाजपा कैंडिडेट इंद्रजीत लगाया गया।
बता दें कि चिरंजीव राव के पिता कैप्टन अजय यादव और हुड्डा में राजनीतिक दूरियां और दोनों में नहीं बनती। इसी के चलते हुड्डा इस सीट से राज बब्बर की पैरवी करते हुए कैप्टन अजय को टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
वहीं गुरुग्राम से टिकट के दावेदार कैप्टन अजय ने पहली बार खुलकर बोलते हुए कहा कि राज बब्बर से मुझे तकलीफ नहीं है। हर आदमी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन क्या राज बब्बर ने 5 साल गुरुग्राम में पसीना बहाया। टिकट वितरण में देरी से कांग्रेस को नुकसान हो रहा है।
आगे उन्होंने कहा कि अगर किसी फिल्म स्टार को ही टिकट देनी है तो रणबीर कपूर, रणवीर सिंह या रितिक रोशन को ही टिकट दे दो। वहीं उनकी स्टेटमेंट के बाद सोशल मीडिया पर ये चर्चा लगातार चली कि पटौदी जो कि गुरुग्राम लोकसभा में पड़ता है, की बहू करीना कपूर को यहां से कांग्रेस का टिकट दे दो। ये भी बता दें कि इससे पहले करनाल लोकसभा सीट से सोशल मीडिया पर बॉलीवुड स्टार संजय दत्त के नाम की चर्चा भी चली थी जिसे बाद में संजय दत्त ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ऐसी किसी भी जानकारी को अपुष्ट व गलत कहा था।
हरियाणा में भिवानी-महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम दो ऐसी सीट हैं, जहां कैंडिडेट फाइनल करने में पार्टी हाईकमान को पसीने छूट रहे हैं और हुड्डा व एसआरके धड़ों में जारी वर्चस्व की जंग के चलते इन दोनों सीटों पर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पैनल में कम से कम तीन सीट ऐसी हैं जिन पर एक से ज्यादा कैंडिडेट टिकट के दावेदार हैं।
पार्टी के नेता अपने-अपने दावेदारों को टिकट दिलाने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। हुड्डा खेमा जहां गुरुग्राम से राज बब्बर और भिवानी महेंद्रगढ़ सीट पर राव दान सिंह की टिकट की पैरवी कर रहा है तो वहीं एसआरके टीम गुरुग्राम से कैप्टन अजय यादव और भिवानी-महेंद्रगढ़ से श्रुति चौधरी के लिए लॉबिंग कर रही है।
गौरतलब है कि हुड्डा और सैलजा-सुरजेवाला के बीच टिकट को लेकर असहमति देख सोनिया गांधी के कहने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सब कमेटी बनाई, जिसमें केसी वेणुगोपाल, मधुसूदन मिस्त्री और सलमान खुर्शीद को रखा गया। इस कमेटी ने मीटिंग बुलाई लेकिन सैलजा-सुरजेवाला उसमें नहीं गए। जिसके बाद उन्होंने रिपोर्ट खड़गे को सौंपी लेकिन अंतिम फैसला फिर भी नहीं हो पाया और मामले पर खींचतान जारी है।
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