India News Haryana (इंडिया न्यूज), Mahipal Dhanda : हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि पंचकूला सेक्टर-12 ए स्थित सार्थक राजकीय समेकित आदर्श संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय प्रदेश के सरकारी स्कूलों के लिए रोल मॉडल से कम नहीं है। सभी स्कूलों के मुखिया इसका अनुसरण करें और अपने स्कूल में इसी प्रकार के माॅडल तैयार करने की रूपरेखा पर कार्य करेंं, तभी नई शिक्षा नीति 2020 के सार्थक परिणाम आ सकते हैं और विद्यार्थियों की आज के युग की शिक्षा की मांग के अनुरूप मजबूत नींव रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना ही राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा आज पंचकूला में सार्थक राजकीय समेकित आदर्श संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की कार्यप्रणाली का निरीक्षण करने स्कूल प्रांगण पहुंचे थे। मंत्री ने सुबह अध्यापकों का हाजिरी रजिस्टर भी चेक किया और पाया कि सभी 50 टीजीटी व पीजीटी शिक्षक उपस्थित थे। सुबह की पारी में कक्षा 6 से 12 तक की कक्षाएं लगती हैं और दोपहर की पाली में कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाएं लगती हैं।
शिक्षा मंत्री ने निरीक्षण के दौरान क्लास रूम में विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था देखकर प्रबंधन की प्रशंसा की और विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे लगन से पढ़ाई करके माता-पिता व प्रदेश का नाम रोशन करें। उन्होंने साइंस लैब का भी अवलोकन किया और यहां पर प्रोजेक्ट पर काम कर रही छात्राओं को आशीर्वाद दिया। इसके साथ ही उन्होंने आर्ट गैलरी के अलावा खेल के मैदान का भी जायजा लिया। वहां खेल रहे विद्यार्थियों का हौसला भी बढ़ाया।
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स्कूल के प्रिंसिपल डाॅ. पवन कुमार गुप्ता ने मंत्री को अवगत कराया कि पंचकूला व उसके आस-पास क्षेत्र के हर अभिभावक की इच्छा रहती है कि उनके बेटा-बेटी पंचकूला के सेक्टर-12 ए स्थित सार्थक स्कूल में ही पढ़ें। वर्तमान में स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 2500 से अधिक है। उन्होंने मंत्री से मांग की है कि स्कूल में चार नए कमरों के निर्माण की मंजूरी हो चुकी है जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति शीघ्र दिलवाई जाए, ताकि निर्माण कार्य पूरा हो सके और नए शैक्षिक सत्र ने इनमें कक्षाएं लगाई जा सकें।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि पंचकूला का सार्थक स्कूल ही नहीं प्रदेश के हर सरकारी स्कूल में किसी भी प्रकार की ग्रांट की प्रशासनिक स्वीकृति को रूकने नहीं देंगे। इसके लिए वे सदैव तत्पर हैं। सभी विद्यार्थियों की पढाई एवं स्कूल का इंफ्रास्ट्रकचर का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। स्कूल के मुखियाओं से कहा गया है कि वे अपने स्कूलों के भवन के कमरों व अन्य इंफ्रास्ट्रकचर के निर्माण से संबंधित शिक्षा सदन के प्रशासनिक व अन्य अधिकारियों को भेजें, ताकि समय पर ग्रांट जारी हो सके।