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Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, जीवन से लंबे समय तक यौन संबंध बनाने की अनुमति न देना मानसिक क्रूरता

• LAST UPDATED : May 27, 2023

India News (इंडिया न्यूज),Allahabad High Court, इलाहाबादइलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने अहम एक फैसले में कहा है कि जीवनसाथी से लंबे समय तक यौन संबंध न बनाने की अनुमति न देना मानसिक क्रूरता है। हाईकोर्ट ने इसी आधार पर वाराणसी के दंपत्ति के विवाह विच्छेद (तलाक) की अनुमति दे दी है। न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार चतुर्थ की खंडपीठ ने वाराणसी के रविंद्र प्रताप यादव की याचीका को स्वीकार करते हुए यह फैसला दिया है। दरअसल परिवारिक न्यायालय ने राजेन्द्र कुमार की तलाक की अर्जी खारिज कर दी थी, जिसे अपील में चुनौती दी गई थी।

याचिकाकर्ता रविंद्र प्रताप यादव का विवाह 1979 में हुआ था। याचीका के मुताबिक शादी के कुछ समय के बाद उसकी पत्नी का व्यवहार बदल गया। उसने पत्नी के रूप में रहने से इंकार कर दिया था। इस दरमियान वो पति से दूर ही रही और आपसी संबध नहीं बने, जबकि दोनों एक ही छत के नीचे रहते थे। कुछ दिन बाद पत्नी मायके भी चली गई।

हालांकि पति ने उसे घर चलने के लिए कहा तो वह मानी नहीं। 1994 में गांव में पंचायत कर 22 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने के बाद आपसी तलाक हो गया। पत्नी ने बाद में दूसरी शादी कर ली, जिसके बाद पति ने तलाक देने की अदालत में अर्जी दी, लेकिन वह अदालत गई ही नहीं। परिवारिक न्यायालय ने पति की तलाक अर्जी को खारिज कर दिया था।

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