India News Haryana (इंडिया न्यूज), Giloy : गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं, इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।
इसका वानस्पिक नाम (Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia) है। इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती। इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं।
गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं।
अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।
गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।
यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।
गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।
गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।
मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।
गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।
भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीडि़त रहती हैं। इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।
कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें। ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।
गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।
गिलोय न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है….
गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं। इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है। अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।
अगर आप बालों में ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।
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अब आपने गिलोय के फायदे जान लिए हैं, तो यह भी जानिए कि गिलोय को इस्तेमाल कैसे करना है…
गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं। अलग-अलग ब्रांड का गिलोय जूस भी बाजार में उपलब्ध है।
चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं।
यूं तो गिलोय पाउडर बाजार में उपलब्ध है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिए गिलोय की डंडियों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। सूख जाने पर मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाकर रख लें।
बाजार में गिलोय की गोलियां यानी टेबलेट्स भी आती हैं। अगर आपके घर पर या आस-पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो आप इनका सेवन करें।
अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट(जोड़ों का गठिया) की समस्या में आराम मिलता है।इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है।खांड के साथ इसे लेने से त्वचा और लिवर संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।आर्थराइटिस से आराम के लिए इसे घी के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाएं।
वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए। पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय न दें।