डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज), Ayushman Bharat Scheme, चंडीगढ़ : देशभर में सरकार द्वारा मरीजों को आयुष्मान भारत व चिरायु योजना के तहत मुफ्त इलाज मुहैया करवाया जा रहा है। हरियाणा में योजना के तहत साढ़े छह सौ से ज्यादा प्राइवेट अस्पतालों को योजना के तहत पैनल में शामिल किया गया, जहां जरुरी पैमाना पूरा करने वाले लोग संबंधित प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज करवा सकते हैं। पिछले कुछ समय में सरकार द्वारा स्कीम के तहत प्राइवेट अस्पतालों की संख्या में इजाफा किया गया है ताकि मरीज अपने-अपने जिलों में नजदीक स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज मिल सके।
इन प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान भारत-हरियाणा तथा ‘चिरायु’ योजना के लाभार्थियाें को मुफ्त उपचार की सुविधा मिल रही है। आयुष्मान भारत योजना में कवर परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये तक मुफ्त उपचार की सुविधा है। बता दें कि हरियाणा में अब तक कुल एक करोड़ अधिक आयुष्मान-चिरायु कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसमें करीब 75 लाख आयुष्मान कार्ड शामिल हैं। गौरतलब है कि वर्तमान में इसे आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नाम से जाना जाता है।
हरियाणा के सभी जिलों में प्राइवेट अस्पतालों को फ्री इलाज के लिए पैनल में रखा गया है। हरियाणा में सबसे ज्यादा पैनल में शामिल किए गए सरकारी अस्पतालों के मामले में हिसार, पानीपत, करनाल, सिरसा और अंबाला जिले सबसे आगे हैं। हरियाणा में स्कीम के तहत सबसे ज्यादा 77 प्राइवेट अस्पताल पैनल में हैं जहां उपरोक्त स्कीम के तहत निशुल्क इलाज की सुविधा है।
इसके बाद पानीपत में 54, सिरसा में 52, करनाल में 45 और अंबाला में 43 प्राइवेट स्वास्थ्य संस्थान स्कीम के तहत ऐमपैनल किए गए हैं। इनके अलावा भिवानी में 31, दादरी में 21, फरीदाबाद में 20, फतेहाबाद में 19, गुरुग्राम में 27, झज्जर में 28, जींद में 18, कैथल में 16, करनाल में 45, कुरुक्षेत्र में 32, महेंद्रगढ़ में 26, मेवात में 2, पलवल में 12, पंचकूला में 13, रेवाड़ी में 22, रोहतक में 36, सिरसा में 52, सोेनीपत में 35 तथा यमुनानगर में 35 प्राइवेट अस्पतालाें को सूचीबद्ध किया है, जिनमें आयुष्मान व चिरायु लाभार्थियों का उपचार हो सकता है। ये वे अस्पताल हैं, जिनमें आयुष्मान भारत-हरियाणा तथा ‘चिरायु’ योजना के लाभार्थियाें को मुफ्त उपचार की सुविधा मिल रही है। आयुष्मान भारत योजना में कवर परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये तक मुफ्त उपचार की सुविधा है।
इस बात से हर कोई इत्तेफाक रखता है कि मेवाता इलाके में अन्य सुविधाओं की तरह स्वास्थ्य सेवाओं का भी टोटा है। जानकार हैरानी होगी कि मेवात और पलवल में महज 14 ही प्राइवेट संस्थानों स्कीम के तहत ऐमपैनलड हैं, जबकि वहां स्वास्थ्य सेवाओं की ज्यादा जरुरत है। मेवात में मरीजों का इलाज व हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर हमेशा से ही एक ऐसा क्षेत्र रहा है जहां ज्यादा कमा करने की जरुरत है। उपरोक्त अलावा कैथल और जींद में भी पैनल में रखे गए प्राइवेट अस्पतालों की संख्या कम है।
हरियाणा के करीब 100 प्राइवेट अस्पतालों अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत एक बार फिर इलाज शुरू हो गया था। दरअसल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आदेश पर 16 मार्च से इलाज बंद कर दिया गया था। जिस कारण से मरीज सरकार की इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे थे। योजना के तहत पैनल से जुड़े निजी अस्पतालों की बकाया राशि को 15 अप्रैल तक दे देने की बात कही गई है।
बता दें कि राशि बकाया होने के चलत हरियाणा के निजी अस्पताल ने चिरायु-आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज नहीं करने का फैसला किया था। सरकार की तरफ से करीब तीन करोड़ रुपये बकाया होने के चलते यह फैसला लिया गया। आईएमए ने उस समय एक पत्र जारी कर सरकार को 24 घंटे का समय दिया था और आयुष्मान भारत के सीईओ को पत्र लिखकर बकाया 300 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की मांग की। प्रदेश में अब तक करीब 10 लाख लोग चिरायु कार्ड का लाभ ले चुके हैं। बता दें कि इस कार्ड से सरकार की ओर से सरकारी और निजी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा का प्रावधान किया गया है।
आयुष्मान भारत नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने वाली एक स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है। बता दें कि 1.80 लाख सालाना आय वाले सभी परिवारों को सरकार ने इसमें शामिल किया है। वहीं 1 लाख 80 हजार से 3 लाख रुपये तक सालाना आय वाले परिवारों 1500 रुपये प्रीमियम लेकर चिरायु योजना में कवर हो सकता हैं। यह प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को हर साल फैमिली फ्लोटर आधार पर 5 लाख रुपए तक का बीमा कवरेज प्रदान करता है।
इस योजना को पहले एबी-एनएचपीएस के रूप में जाना जाता था, क्योंकि यह मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) के तहत एक पहल है। वर्तमान में इसे आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नाम से जाना जाता है। यह योजना मौजूदा वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को भी समाहित करती है। भारत नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने वाली एक स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है। यह प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को हर साल फैमिली फ्लोटर आधार पर 5 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज प्रदान करता है। इस योजना को पहले एबी-एनएचपीएस के रूप में जाना जाता था क्योंकि यह मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) के तहत एक पहल है।
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