India News Haryana (इंडिया न्यूज), Jind : तीन साल पहले जमीन की निशानदेही के बदले रिश्वत लेने वाले कानूनगो को अदालत ने 5 साल कैद और 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर दोषी को 6 माह की अतिरिक्त कैद भी भुगतनी होगी। यह फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयबीर सिंह की कोर्ट ने सुनाया।
जानकारी के अनुसार 2 जून, 2022 को गांव गतौली निवासी हरिओम ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को शिकायत दी थी। हरिओम, जो सेना से कैप्टन पद से रिटायर्ड हैं, ने 2021 में अपनी पत्नी के नाम 4 कनाल 2 मरले जमीन खरीदी थी। जब उन्होंने जमीन की निशानदेही के लिए 11 मई 2022 को तहसीलदार जुलाना के पास आवेदन किया, तो सरकारी फीस 3,000 रुपए तय की गई और हलका कानूनगो जसबीर की ड्यूटी लगाई गई।
हरिओम ने सरकारी फीस जमा कर 13 मई, 2022 को निशानदेही का समय तय किया, लेकिन कानूनगो जसबीर मौके पर नहीं पहुंचा। इसके बाद जब हरिओम ने उससे संपर्क किया तो 20 मई को नया समय दिया गया।
हरिओम की शिकायत के अनुसार 26 मई, 2022 को कानूनगो जसबीर खेत में आया और 5,000 रुपए रिश्वत मांगी। उसने कहा कि 30 मई को वह निशानदेही करेगा लेकिन बिना रिश्वत के काम नहीं होगा। हरिओम ने 30 मई को फिर संपर्क किया तो कानूनगो ने एडीसी के साथ बैठक का बहाना बनाकर 2 जून, 2022 को निशानदेही करने की बात कही और रिश्वत तैयार रखने के लिए कहा।
हरिओम ने इस बीच एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को शिकायत कर दी। ACB ने जाल बिछाकर रेडिंग पार्टी तैयार की। जैसे ही कानूनगो जसबीर ने 5,000 रुपए रिश्वत ली, टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया और उसके पास से रिश्वत की रकम बरामद कर ली। इसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
तीन साल तक चले मुकदमे के बाद अदालत ने कानूनगो जसबीर को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा और 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। अगर वह जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे अतिरिक्त 6 महीने की जेल भी भुगतनी होगी।